उन्नाव कांड के खुलासे ने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया था. आरोप था भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के ऊपर. युवती के पिता की मौत वाले प्रकरण से जुड़े एक गवाह युनुस की मौत ने इस मामले में आग में घी का काम किया. गवाह की अचानक हुई मौत से कई तरह के सवाल उठ रहे थे. मगर फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट ने हर सवाल पर विराम लगा दिया है. विसरा जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि गवाह युनुस की मौत ज़हर की वजह से नहीं बल्कि बीमारी के कारण हुई थी.
कब्र से निकालकर हुआ था पोस्टमाटर्म:
हत्या की आशंकाओं के बीच पुलिस ने युनुस के शव को 25 अगस्त को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. कब्र से शव निकालने का परिवार समेत गाँव वालों ने जमकर विरोध किया था. इस मामले में प्रशासन की नींद राहुल गाँधी के ट्वीट के बाद टूटी थी. राहुल गाँधी ने ट्वीट कर गवाह की मौत होने पर सवाल उठाये थे जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही रिपोर्ट:
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यूनुस की मौत की वजह स्पष्ट न होने पर एसपी हरीश कुमार ने विसरा को जांच के लिए 26 अगस्त को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा था. जिसके बाद रविवार को आई रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि युनुस की मौत ज़हर की वजह से नहीं बल्कि बीमारी से हुई थी.
बता दे की युनुस विधायक प्रकरण में युवती के पिता की हत्या के मामले में गवाह था. युवती के चाचा ने युनुस की मौत पर सवाल उठाये थे और इसे विधायक की साज़िश बताते हुए जिलाधिकारी और एसपी से शिकायत की थी.
18 अगस्त को दफनाया गया था शव:
युवती के पिता से मारपीट के मामले में गवाह युनुस की मौत 18 अगस्त को हुई थी. मौत के दिन ही उसे दफना दिया गया था. युनुस की पत्नी ने बीमारी को ही मौत की वजह बताया था. फिलहाल ये रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है.
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