उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव के चलते भले ही आदर्श आचार संहिता लागू है. लेकिन मकर संक्रांति यानी खिचड़ी के दिन देश भर में बच्चे ,बूढ़े और नौजवान सभी मोदी छाप पतंगें उड़ाने का पूरा लुत्फ़ उठाते दिखाई देते हैं. पतंग बनाने वालों को भी मकर संक्रांति का बेसब्री से इंतज़ार रहता है. लेकिन इस बार मोदी छाप पतंगों ने बाकी पतंगों पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए बाकी पतंगों की पतंग बंदी कर दी है .
बच्चों में सबसे ज़्यादा लोकप्रिय हुई मोदी छाप पतंगें
- मकर संक्रांति आते ही आसमान का नज़ारा ही बदल सा जाता है.
- देश भर में मकर संक्रांति के दिन उड़ने वाली पतंगों से आसमान का रंग नीले की जगह रंगीन हो जाता है.
- यही नही पतंगों से माध्यम से देश के चहीते नेता और बॉलीवुड स्टार भी इस दिन आसमान में दिखाई देते हैं.
- बता दें कि मकर संक्रांति के त्यौहार में तैयार की जाने वाली मोदी छाप पतंग , सर्जिकल स्ट्राइक पतंग , मोदी के नये नोट पतंग के नाम से बाजार में भारी मात्रा में बिक्री के लिये आई पतंग अब ख़त्म होने के कगार पर भी पहुच गई है.
- लेकिन इन पतंगों की मांग है की कम होने का नाम नही ले रही है
- क्या मुस्लिम ,क्या हिन्दू सभी व्यापारी परेशान हैं कि मोदी छाप के आगे उनके अन्य पतगो की बिक्री औधे मुह गिर गई है
- मोदी छाप के चलते दूसरी अन्य पतगो के स्टाक डंप हो जाने से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है
- दूसरी तरफ पतंग बेंचने वालों की माने तो मोदी छाप पतग खींच के चलते उन्हें बिक्री के लिये ये पतंगें नही मिल पा रही हैं.
- इस तरफ से उन्हें दो तरफ़ा नुक्सान उठाना पड़ रहा है.
- मऊ शहर के एक मुस्लिम दुकानदार रियाज़ अहमद ने बताया कि मोदी की पतंगों की माग ज्यादा है.
- ऐसे में उन्हें पास से मोदी छाप पतंगों का स्टाक समाप्त हो गया है और खींच के चलते ये पतंगे मिल भी नही रही हैं
- जिससे उन्हें काफी नुक्सान हो रहा है
- रियाज़ ने अमित शाह छाप पतंग लाकर काम चालने की कोशिश तो की लेकिन मोदी छाप पतंगों के सामने इन पतंगों की माग और बिक्री कम है
- वहीँ एक अन्य दुकानदार राजेश और राकेश ने का कहना है की मोदी बच्चों में भी लोकप्रिय हैं , उनके तस्वीरों की पतंगो की ज्यादा माग़ है.
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