प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सोमवार, 12 नवंबर, को अपने लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 1571.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी दो राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसी दिन वह वाराणसी में गंगा नदी पर बने अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मोदी देंगे वाराणसी को 1,572 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना का तोहफा[/penci_blockquote]
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी में बनी इन राष्ट्रीय राजमार्ग की परियोजनाओं का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिरकण (एनएचआई) की भारतमाला परियोजना के तहत किया गया है। इनमें 16.55 किलोमीटर की वाराणसी रिंग रोड परियोजना का पहला चरण है। इसे 759.36 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसके अलावा वाराणसी-बाबतपुर हवाई अड्डे को शहर से जोड़ने वाली 17.25 किलोमीटर की सड़क को भी 829.59 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
हवाई अड्डा जाने में लगेगा कम समय
वाराणसी शहर से बाबतपुर हवाई अड्डे को जोड़ने वाली सड़क से जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ तक की यात्रा की सुगम हो जाएगी। इस मार्ग में पड़ने वाले हरहुआ में एक फ्लाईओवर और तरना में एक रोड ओवर ब्रिज बनवाया गया, ताकि वाराणसी से हवाई अड्डा जाने में कम से कम समय लगे। इससे बनारस घूमने आने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आसानी होगी।
रिंग रोड से कम होगा प्रदूषण
वाराणसी शहर की यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए शुरू की गई रिंग रोड की परियोजना के पहले चरण में दो रोड ओवर ब्रिज और एक फ्लाईओवर तैयार किया गया है। इससे लखनऊ-वाराणसी एनएच 56, आजमगढ़-वाराणसी एनएच 233, गोरखपुर-वाराणसी एनएच 19 और अयोध्या-वाराणसी सड़क पर आने वाले वाहनों को शहर के अंदर जाम से नहीं जूझना होगा। इससे एक ओर जहां जाम की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं प्रदूषण भी घटेगा और लोगों का समय बरबाद नहीं होगा। इससे पर्यटकों का सारनाथ जाना भी आसान हो जाएगा।
कंटेनर टर्मिनल शुरू होगा
इसी दिन प्रधानमंत्री वाराणसी में गंगा नदी के किनारे बनाए गए अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह विश्व बैंक पोषित भारतीय जलमार्ग विकास परियोजना का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में एक मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है। यह टर्मिनल इसी परियोजना का एक हिस्सा है। इसी परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, झारखंड के साहिबगंज और पश्चिम बंगाल के हल्दिया में एक-एक टर्मिनल बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री इसी टर्मिनल पर कोलकाता से लेकर चले एक जहाज पर देश का पहला अंतर्देशीय कार्गो कंसाइनमेंट भी प्राप्त करेंगे। आजादी के बाद यह पहला मौका है्, जब देश में जल मार्ग के जरिए कंटेनर की ढुलाई की गई है। पिछले सप्ताह ही इस जलयान को कोलकाता से रवाना किया गया था।
वाराणसी में 63,885 करोड़ का निवेश
वाराणसी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों से जोड़ने के लिए इस समय 2,833 किलोमीटर की 63,885 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें से 1,143 किलोमीटर की 15 सड़क परियोजनाओं पर तो काम भी शुरू हो गया है। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश में न सिर्फ रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि परियोजना पूरी हो जाने के बाद औद्योगिक विकास को भी पंख लगेंगे।
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