उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाउडस्पीकरों पर रोक लगेगी. पुलिस धार्मिक स्थलों पर बिना इजाज़त बजने वाले लाउडस्पीकर हटवाएगी. हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है और कहा है कि बिना अनुमति लगे लाउडस्पीकर हटाये जाएँ.
मुस्लिम धर्मगुरु का आया बयान
यूपी सरकार का ध्वनि प्रदूषण को लेकर आदेश जारी हुआ है. मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना मोहम्मद मुश्ताक का बयान आया है.उन्होंने कहा है कि धार्मिक स्थलों पर माइक का इस्तेमाल ज़रूरत पर होता है. भीड़ वाले इलाके में जरूरत के तहत सुनाना होता है अज़ान. अजान और भजन हो रहा है, इस लिए माइक लगाना पड़ता है ताकि लोग सुन सकें. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर कुछ देर के लिए माइक का इस्तेमाल होता है. वैसे तो गाड़ियों में इतने तेज हॉर्न लगे होते हैं कि कान बजने लगते हैं.
मेरठ से लाउड स्पीकर रोक मामले पर बोले एडीजी एलओ प्रशांत कुमार का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि जो आदेश आया है उसका अनुपालन कराएंगे. सभी धर्म के लोगों से मामले पर बात करेंगे. सबको समझाएंगे,लोग खुद ही पालन करेंगे.
ध्वनि प्रदुषण को लेकर हाई कोर्ट के निर्देशों पर ब्राम्हण संसद के अध्यक्ष पंडित अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि ध्वनि प्रदुषण के बहुत से अन्य कारण है जिन पर सरकार को विचार करना चाहिये। धार्मिक स्थलों पर ध्वनि यंत्र बंद करना उचित नहीं है, हाई कोर्ट और राज्य सरकार को इस पर पुर्नविचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों से ध्वनि यंत्र हटाना, हमारी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है.
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश पर धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकरों पर रोक लगेगी. आईजी एलओ ने सभी एसपी को निर्देश दिया है. 20 दिसम्बर 2017 के आदेश का पालन होगा. हाई कोर्ट ने CS, NGT चीफ को तलब किया था. लाउडस्पीकर बजाने से पहले अनुमति लेनी होगी, पहले जिला प्रशासन की अनमुति लेनी होगी.
हाई कोर्ट ने लगाई बिना अनुमति लाउडस्पीकर बजने पर रोक
शोर प्रदूषण नियंत्रण नियमों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशों पर विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं. लाउडस्पीकरों के स्थायी रूप से स्थापित करने, अपेक्षित अनुमति के बिना किसी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने, अनुमति के लिए आवेदन करने का प्रारूप, अनुमति देने के लिए प्रारूप आदि का जिक्र है. साथ ही कहा गया है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है जो न तो अनुमति के लिए आवेदन करते हैं और न ही नियमों और शर्तों की शर्तों के साथ पालन करते हैं.