पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की ‘पाठशाला’ की तैयारी पहले ही पूरी हो गई थी. तय कार्यक्रम के अनुसार संघ प्रमुख 15 फरवरी की शाम वाराणसी पहुंचे. यह पहला मौका है जब संघ प्रमुख किसी संघ कार्यालय या स्कूल परिसर से इतर सरकारी भवन में अपना प्रवास पूरा करेंगे. मोहन भागवत के कार्यक्रम के मद्देनजर संघ और बीजेपी के तमाम पदाधिकारी वाराणसी के दीनदयाल ट्रेड फसिलटी सेंटर में जुटे हैं. हर साल जाड़े के मौसम में किसी प्रवास पर जाने वाले मोहन भागवत इस बार वाराणसी के दौरे पर हैं. वहीँ कांग्रेस ने इस दौरे को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. मोहन भागवत का वाराणसी का दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
संघ समागम कार्यक्रम में बोले मोहन भागवत:
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह से जुटना हमारा सामान्य कार्यक्रम है लेकिन लोगों के लिए सवाल होता है कि क्यों जुट रहे हैं. हम संघ में रहते है लेकिन सम्पूर्ण हिंदुत्व के लिए कार्य करते हैं. खुद को अपनी जिम्मेवारियों को याद दिलाना होता है. अपने कार्य के लिए एक साधन होतो है वही हम करते हैं. लोगों को मात्र जमा होने को संगठन नहीं कहते हैं. हमारे लिए संगठन के 3 कारण है. संगठन,एक समूह में रहना,जीना, एक ध्येय के लिए होता है. हम संघ की शाखा में शक्ति प्रदर्शन या किसी के खिलाफ एकत्र होते हैं बल्कि हमारा एक लक्ष्य है, हम भारत का सर्वत्र जयकार हो, यही हमारा लक्ष्य है.
विविधता के मूल में एकता का कार्य करो
मोहन भागवत ने कहा कि सारा समाज जब मिलकर, मतभेद भूलकर देश को एक करनी और राष्ट्र के लिए एकत्र होता है वही लक्ष्य होता है. पहले हम दुनिया में सिरमौर थे लेकिन नवीं सदी से हम गिरते चले गए. लंबे इतिहास में कहीं कोई उदाहरण नहीं है कि हमनें अपनी शक्ति का दुरूपयोग कर दुनिया में किसी को लूटा या कब्जा किया. भारत विविधता से भरा है. हम भी कहते हैं, सब विविधताओं का सम्मान करते हैं. दुनिया में हमारे देश के लोगों के लिए सम्मान है.विविधता के मूल में एकता का कार्य करो, यही देश सेवा है.
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वाराणसी के दौरे पर हैं मोहन भागवत
बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 दिवसीय शीतकालीन शिविर की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार से हुई. मोहन भागवत के इस प्रवास में संघ के शीर्ष नेतृत्व के लोग तमाम गंभीर विषयों पर संगठन की रणनीति पर मंथन करेंगे. इसके साथ ही इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव के संबंध में भी विमर्श किया जाएगा. अब सबकी निगाहें 18 फरवरी को होने वाले 21 हजार गणवेशधारी स्वयंसेवकों के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन पर टिकी हैं. इसके अलावा उसके बाद संघ और बीजेपी के बीच बैठक होगी, जिसको लेकर हलचल शुरू हो गई है.