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वीडियो: मुरादाबाद कप्तान का एनकाउंटर ड्रामा हुआ फ्लॉप!

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आईये हम आप को दिखाते हैं एक ऐसा पुलिस का चेहरा जिसे देखकर आप हैरान राज जायेंगे। दरअसल ये कोई और नहीं बल्कि मुरादाबाद के कप्तान का है। इन जनाब ने एक (live encounter) एनकाउंटर करके पुलिस महकमें की खूब फजीहत की है। इनके इस कारनामें की चारो तरफ खूब चर्चा हो रही है।

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अगले पेज पर देखिये वीडियो के साथ सनसनीखेज खबर:

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ये है सनसनीखेज खबर

ये संडे की दुपहरी थी…मौसम में बारिश की ठंडक थी… और मुरादाबाद की पुलिस निकली संडे को रंगीन बनाने… संडे का ये सफर खौफनाक होने वाला था…ये सफर जानलेवा होनेवाला था… गोलियां थीं… बंदूके थे…. बदमाश थे और पुलिस थी…. और साथ में थी मीडिया…

एक एनकाउंटर होने वाला था…और एनकाउंटर के लिए सारे इंतज़ामात पुख्ता थे….लेकिन साहब आपको जो दिखाया जाता है…आप वही देखते हैं…ज़रा हमारी नज़रों से देखिए और समझिए…कि एनकाउंटर के पीछे क्या है…

अब हम आपको दुनिया की दुर्लभ तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं। जो शायद ही आपने किसी एनकाउंटर स्थल पर देखी होंगी… जी हां दुर्लभ इसलिए क्योंकि किसी पुलिस वाले को ना तो ये कला किसी ट्रेनिंग में सिखाई गई होगी या किसी असली एनकाउंटर में अमल में लाया होगा…

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पकड़े गए तो हीरो से बन गए जीरो

देखिए इन साहब को गौर से.. नाम है प्रतिन्दर सिंह… कप्तान हैं मुरादाबाद के… कद काठी भी बढ़िया है… अरे भाई आईपीएस हैं… फिटनेस तो देखिए…. बॉलीवुड का हीरो भी शर्मा जाए… इन साहब की माने तो आए तो ये एनकाउंटर में हैं…

लेकिन इनकी चाल ढाल से ये एनकाउंटर कम फिल्मी शूटिंग ज्यादा लगती है.. हीरो जैसे दिखते तो हैं… लेकिन बेचारे कप्तान साहब को एक्टिंग आती नहीं… पकड़े गए… और हीरो से ज़ीरो बन गए… अब आप ही बताइए ऐसी घटिया एक्टिंग करेंगे तो पकड़े नहीं जाएंगे…

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देखिए… आप ही देखिए ज़रा… क्या बात है साहब… कान में मोबाइल और हाथ में पिस्टल… लगता है कि स्क्रिप्ट ठीक से नहीं लिखी गई… इसीलिए ओवरएक्टिंग में धरे गए.. खुद भी ओवरएक्टिग की और बाकी मातहतों को भी ओवरएक्टिंग का शिकार बना दिया… देखिए इनके मातहत को… ये ऐसे चल रहे हैं.. जैसे मॉर्निंग वॉक पर पार्क में निकले हों…

और अगर इन्हीं की मान लें कि एनकाउंटर… वाकई एनकाउंटर ही है… तो ये तो किसी दिन पूरी सरकार को घिरवा देंगे… साहब मोबाइल फोन और मीडिया और ले जाना तो नहीं भूले लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट ले जाना भूल गए… अजय साहनी की तरह कोई दुर्घटना हो जाती तो योगी सरकार की तो किरकिरी हो जाती।

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जनाब मॉक ड्रिल में भी लोग बुलेट प्रूफ जैकेट पहनते हैं… रीयल एनकाउंटर में तो पहन लेते… अच्छा-अच्छा जैकेट पहन लेते तब बॉडी कहां दिखती… सालों की मेहनत से जो फिटनेस बना रखी है वो कैसे दिखती… शायद तस्वीरें ठीक नहीं आती… पता नहीं चलता कि आखिर कप्तान कौन है और सिपाही कौन…. और कप्तान तो कप्तान ही लगना चाहिए…

वैसे तो इन साहब ने कई खबरों को मीडिया से छुपाया होगा… लेकिन इस बार मीडिया की पूरी बारात लेकर गए… मानो एनकाउंटर ना हुआ… कोई सर्कस का तमाशा दिखाने ले आए… ऐसा लग रहा है एनकाउंटर का मौसम चल रहा हो…. और साहब अपना नंबर भी जोड़ देना चाहते हैं… लेकिन दो कौड़ी की स्क्रिप्ट… और ऊपर दो कौड़ी की एक्टिंग… और जो प्लॉट रखा वो तो अव्वल दर्जे का घटिया था।

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देखिए तो ये गोली तो पिस्टल में डाल रहे हैं… ये करना क्या चाहते हैं… कहना क्या चाहते हैं… ये गोली जनाब आप किसे दे रहे हैं… लोगों को… महकमे को… या सरकार को… वैसे एक एनकाउंटर की स्क्रिप्ट कुछ ऐसी होती है… बदमाश दौड़ाए जाते हैं… घेरे जाते हैं… कुछ घायल होते हैं…कुछ मारे जाते हैं… कुछ सिपाही घायल होते हैं… या नहीं होते हैं… और ये सब अचानक होता है…

लेकिन यहां तो कप्तान साहब पूरा जमघट लेकर चले हैं…जैसे पहले से पता था कि इनको एनकाउंटर करना है… साहब कुछ तो सस्पेंस रख लेते… कुछ नहीं तो फिल्मों से ही फिल्मी एनकाउंटर की कहानी उठा लिए होते… इससे तो बेहतर होती… ये कप्तान काहे के…. इनसे अच्छी स्क्रिप्ट तो सिपाही भी लिख लेते।

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इनके कुछ मातहतों को देखिए एक्टिंग में कितने दमदार हैं… साहब की एंट्री होती है… तो सैल्यूट मारते हैं… पूरा बदन पसीने से तर बतर है… इनको देखिए गन्ने के खेत के बाहर किस तरह लोटम लोट होकर एक्टिंग कर रहे हैं… और ये जनाब…

रह-रह कर बस मोबाइल पर बातें कर रहे हैं… अरे भाई एनकाउंटर में आए हो… कोई मॉल में थोड़े ही टहल रहे हो… ये वही एसपी हैं जो नोएडा में फ्लाप हो गए… आगरा में इन पर ज़मीन को लेकर कई आरोप लगे… लेकिन अखिलेश के करीबी होने के चलते इन्हें प्राइम पोस्टिंग मिलती रही…

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अपने ओहदे के काबिल कभी कोई एक काम नहीं किया… कभी ऐसा कुछ नहीं किया कि कोई इनके नाम से सीना चौड़ा कर ले… कोई इनके नाम से खौफ खाए… बदमाशों को घेरने चले हैं…. आज से पहले कभी बदमाशों को घेरा है… ट्रेनिंग के अलावा कभी गोली चलाई है…

अब जाने दो… जनाब आईपीएस हैं… लेकिन एक बात है… इन आईपीएस महोदय को दोबारा ट्रेनिंग की ज़रुरत है… ज़रुरत इसलिए क्योंकि ना साहब को क्राइम सीन की खबर है और ना ही एनकाउंटर की तस्वीर साफ है…

कप्तान साहब हम आपको दिखा देते है कि एनकाउंटर होता कैसे है… देखिए और जानिए… और अगली बार जब एनकाउंटर की स्क्रिप्ट लिखिएगा तो इन तस्वीरों को ज़हन में रख लिजिएगा… ये पुरानी तस्वीर है घनश्याम केवट की…

इस अकेले डकैत ने यूपी पुलिस को 58 घंटे तक छकाए रखा था…. देखिए एक हल्की सी चूक… महज़ 3 सेकंड की चूक और पुलिस वाले की जान चली जाती है… ये भी देखिए कि एनकाउंटर होता है तो मीडिया को कैसे एनकाउंटर से दूर रखा जाता है…

आप तो सबकी जान खतरे में डाले दे रहे हैं… हम तो यही कहेंगे भले ही आपने आईपीएस की क्लास ढंग से ना ली हो… लेकिन प्लीज़ अगली बार एक्टिंग की क्लासेज़ लेकर जाइएगा… ऐसा ना लगने लगे कि ये (live encounter) एनकाउंटर फिल्मी लगे।

 

https://youtu.be/2aeSsEYaGq8

 

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