उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिला में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। जिले में 100 से अधिक झोलाछाप मौजूद है। जिला के हर ब्लॉक और हर मोड़ पर झोलाछाप अपनी दुकान धड़ल्ले से चला रहे हैं। और मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं। इनके इलाज के दौरान तो कई मरीजों की मौत भी हो जाती है मगर प्रशासन मूक दर्शक बना देखता रहता है।
श्रावस्ती जिले के पांचों ब्लॉक में इन झोलाछाप डॉक्टरों का रैकेट फैला है। ये एक दो नहीं बल्कि 100 से अधिक है। इनके पास ना कोई डिग्री होती है और ना ही कोई डिप्लोमा। महज 16-17 साल के उम्र के लड़को से लेकर 60 साल के व्यक्ति इस कारोबार को धड़ल्ले से चला रहे हैं। इन्हें न सीएमओ का डर है और न जिलाधिकारी का डर है। ये सभी को अंगूठा दिखाकर अपना धंधा जोर शोर से डंके की चोट पर चला रहे हैं। सीएमओ द्वारा अगर कभी कभार छापेमारी कर भी दी जाती है तो उससे पहले ही इन झोलाछप डॉक्टरों को खबर लग जाती है और ये दुकान बंद कर देते हैं। और कुछ ही घंटों बाद इनका कारोबार फिर चलने लगता है।
सीएमओ की छापेमारी से पहले इन्हें सूचना कौन देता है ये एक बड़ा सवाल है? दूसरा बड़ा सवाल है कि जब जिले के ड्रग इंस्पेक्टर की तैनाती है तो बगैर लाइसेंस और बिना फार्मेसिस्ट के अवैध संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? तस्वीरों में देखिए कि किस तरह से ये झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को ड्रिप चढ़ा रहे हैं। वह मरीज चाहे बड़ा हो या महज 5 साल का मासूम। ये सबको ड्रिप चढ़ाकर उनका इलाज करते रहते हैं।
ये अपने आप में मेडिकल लाइन की सभी डिग्रियों के ज्ञाता होते है। ये तो एक बानगी भर है इन झोलाछाप डॉक्टरों की पत्नियां प्रसव तक का बीड़ा खुद ही उठा लेती है चाहे प्रसूति की मौत ही क्यों न हो जाये। यही नहीं इनके इलाज से कुछ लोगों की मौते भी हो जाती है लेकिन उसके बाद भी प्रशासन कुम्भकरण की नींद सोता रहता है।
कई लोगों की हो चुकी मौत एक मासूम हो चुका है अपंग
अभी कुछ महीने पहले ही मल्हीपुर इलाके में एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक मासूम को गलत तरीके से इंजेक्शन लगा दिया जिससे वह मासूम पैर से अपंग हो गया। पीड़ित न्याय की गुहार लगाता रहा मगर उसकी किसी ने नहीं सुनी। जब मीडिया में ये मामला आया तब जाकर जिलाधिकारी ने जांच कराकर उसके खिलाफ सीएमओ द्वारा मुकदमा दर्ज करवाया। ये कोई नया मामला नही है बीते एक साल पहले भिनगा में एक झोला छाप डॉक्टर ने ऐसे ही गलत तरीके से इंजेक्शन लगाया था जिसमे एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी।
चंद रुपयों के लालच में चलता है ये खेल
चंद रुपयों के लालच में सवास्थ्य विभाग के अधिकारी इनपर कोई कार्रवाई नही करते जिसकी वजह से ये झोलाछाप डॉक्टर मरीजो की जिंदगी से खिलवाड़ करते रहते हैं।और जिम्मेदार अधिकारी किसी एक को पकड़ कर अपनी पीठ अपने आप थपथपा लेते है। जब इस मामले में सीएमओ वीके सिंह से बात की गई तो उनका यही रटा रटाया बयान आया कि टीम बनाकर छापेमारी कराई जा रही है जल्द ही सभी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सवाल ये है कि कब तक जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों से भागते रहेंगे । क्या इनपर कोई नकेल कसने वाला नहीं है। क्या ऐसे ही मरीज अपनी जान गवांते रहेंगे।