मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘खाकी’ का खौफ लगातार जारी है। ताबड़तोड़ हो रहे एनकाउंटर से अपराधियों में खौफ तो इस कदर कायम हुआ कि उनमें जमानतें निरस्त कराकर कोर्ट में सरेंडर करने की होड़ लग गई। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि वह जेल से बाहर आने में भी घबरा रहे हैं। जो अपराधी जेल के बाहर हैं वो अंडरग्राउंड हो गए हैं।
यूपी और हरियाणा एसटीएफ ने की संयुक्त कार्रवाई
ताजा मामला गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-29 नोएडा का है। यहां यूपी और हरियाणा की एसटीएफ ने संयुक्त रूप से बुलंदशहर के रहने वाले कुख्यात अपराधी बलराज भाटी को एसटीएफ के जवानों ने मार गिराया। बलराज भाटी की मौत से उसके साथियों में दहशत का माहौल व्याप्त है। एसटीएफ के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए बदमाश पर ढ़ाई लाख रुपये का इनाम घोषित था। बता दें कि नोएडा के एसएसपी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। लेकिन एसटीएफ ने ये एनकाउंटर अपने नाम करके एक बड़ा नाम किया है।
बलराज के दो साथी भाग गए, कई राउंड चली गोलियां
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि मोस्टवांटेड बलराज भाटी कई राज्यों से वांटेड चल रहा था। इसके ऊपर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित था। एसएसपी एसटीएफ ने बताया किपिछले कई दिनों से कुख्यात बदमाश की तलाश में एसटीएफ घूम रही थी। सोमवार को सेक्टर 29 में बलराज के अपने साथियों के साथ होने की सूचना मिली। बदमाश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में घूम रहे थे। सूचना मिलते ही एसटीएफ अलर्ट हो गई और इलाके में घेराबंदी कर दी। जैसे ही एसटीएफ ने उन्हें घेरा तो बदमाशों ने एसटीएफ पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। असलहे से लैस बदमाशों ने एसटीएफ की टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। दोनों तरफ से तकरीबन एक घंटे तक फायरिंग होती रही। इस दौरान गोली लगने से बलराज घायल होकर गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषत कर दिया। इस मुठभेड़ में बलराज के दो साथी भागने में सफल रहे।
कई राज्यों की पुलिस के लिए चुनौती बना था बलराज
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान पुलिस की आंख की किरकिरी बने कुख्यात बदमाश बलराज भाटी को एसटीएफ गुरुग्राम और नोएडा ने मुठभेड़ में मार गिराया है। बलराज भाटी कितना बड़ा कुख्यात बदमाश था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस पर दो राज्यों की पुलिस ने 2 लाख रुपये का ईनाम रखा था। इसमें हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस की ओर से एक-एक लाख का इनाम रखा था।
मुठभेड़ में दोनों तरफ से हुई फायरिंग
मुठभेड़ के दौरान करीब 80 राउंड दोनों तरफ से फायरिंग हुई, जिसमें कुख्यात बदमाश बलराज मारा गया। बलराज भाटी इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बदमाश था, जो जेल से बाहर था। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पिछले तीन माह से एसटीएफ बलराज भाटी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। करीब एक साल पहले गुरुग्राम के खांडसा गांव में फरीदाबाद व गुरुग्राम पुलिस से बलराज भाटी की मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान बलराज गोली चलाकर मकान के पिछले दरवाजे से भाग निकला था।
दिल्ली पुलिस में सिपाही था बलराज
बलराज के कारनामों के चलते फरीदाबाद पुलिस ने एक महीने पहले ही उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। यहां वह शशि गुर्जर और उसके भाई की हत्या में वांछित था बलराज। फरीदाबाद पुलिस भी इसकी तलाश में थी। मूलरूप से धूसरी जिला बुलंदशहर यूपी निवासी बलराज दिल्ली पुलिस में सिपाही था।
सुपारी लेकर हत्या करना था बलराज का मुख्य काम
नौकरी में रहते हुए हत्या के एक मामले में आरोपी बना था। जिसके बाद उसकी नौकरी चली गई थी। उस वारदात के बाद बलराज अपराध की दुनिया में आ गया। उसे कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी का दाहिना अंग माना जाता था। सुंदर जेल में है, लेकिन उसके गैंग को बलराज ही चला रहा था। सुपारी लेकर हत्या कराना बदमाश बलराज भाटी का मुख्य काम बन चुका था। उसे दिल्ली, यूपी, हरियाणा पुलिस ने इनामी घोषित कर रखा था। कुलमिलाकर उस पर दो लाख रुपये का इनाम था।
बुलंदशहर का निवासी था बलराज
गौरतलब 10 फरवरी वर्ष 2015 को बदरौला गांव निवासी जितेंद्र और घरोड़ा गांव निवासी कल्लू उर्फ श्यौराज की घरोड़ा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद तीन बदमाश रायपुर कलां गांव निवासी सतपाल को मोटरसाइकिल को लूटकर फरार हो गए थे। अपराध जांच शाखा को जांच के दौरान पता चला था कि इस हत्याकांड में यूपी के बुलंदशहर का धूसरी गांव निवासी बलराज भाटी मुख्य शूटर था। इस मामले में बाकी आरोपी गिरफ्तार हो गए थे। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। लेकिन अब तक वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका था। बलरराज के पिता का नाम गजराज भाटी है और वह बुलंदशहर के शिकारपुर थाना क्षेत्र के शिवनगर का रहने वाला है।