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एक लाख का इनामी खूनी लुटेरा विनीत तिवारी अपने जीजा कवींद्र के साथ गिरफ्तार

Criminal Vineet Tiwari of One lakh Rupees Vineet Tiwari arrested with his Jija Kavindra

Prized Criminal of One lakh Rupees Vineet Tiwari arrested with his Jija Kavindra

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजभवन पास व कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के आवास के सामने दिनदहाड़े कैश वैन पर हुए हमले के बाद लूट और गनमैन की हत्या के चर्चित मामले में पुलिस ने एक लाख रुपये के इनामी अभियुक्त विनीत तिवारी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के साथ अपराध छिपाने के जुर्म में उसके जीजा कवींद्र तिवारी को भी गिरफ्तार किया है। जब्कि आरोपी की पत्नी भी पुलिस की हिरासत में है। आईजी रेंज सुजीत पांडेय व SSP कलानिधि नैथानी ने एसएसपी आवास पर प्रेसवार्ता में इस बात की जानकारी दी।

आईजी ने बताया कि उनके निर्देशन में आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस की 8 टीमों ने आरोपी को रायबरेली के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के पूरे भोला का पुरवा स्थित उसकी बहन के घर से शनिवार की रात 11:30 बजे गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। इन आठ टीमों के बैकअप में 12 टीमें और लगी थी। इन 20 टीमों में करीब 50 पुलिसकर्मी शामिल थे। आरोपी की पत्नी के पास से पुलिस ने लूट के 4 लाख 73 हजार 900 रुपये भी बरामद किये गए हैं। आईजी ने लुटेरे को पकड़वाने में सहायता करने वाले शहर के नागरिकों और मीडिया कर्मियों को सहयोग के लिए प्रशंसा की है। आईजी ने बताया कि इनाम की राशि इस लूट और हत्याकांड में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को बराबर बांट दी जाएगी। वहीं DGP ने ट्विटर के माध्यम से लखनऊ पुलिस, एडीजी जोन, आईजी रेंज और एसएसपी लखनऊ को सनसनीखेज घटना के खुलासे के लिए बधाई दी है।

रायबरेली जिला का रहने वाला है लुटेरा

आईजी के मुताबिक, आरोपी विनीत तिवारी रायबरेली के नखदिलपुर गांव का रहने वाला है। उसने वर्ष 2013 में निराला नगर में रहने वाले अपने दोस्त सुरेश कुमार बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों के बीच लेनदेन को लेकर विवाद हुआ और विनीत ने उसे मौत के घाट उतार दिया था। सदर कोतवाली इन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद सेवा फरार चल रहा था। कोर्ट ने उसे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। लेकिन विनीत पेश नहीं हुआ । पुलिस ने 24 अप्रैल 2015 को उस पर 2500 रुपये का इनाम रखा था। कोर्ट के आदेश पर 2 साल पहले उसके घर की कुर्की की जा चुकी है। उसके खिलाफ वर्ष 2013 में गुरबख्श गंज थाना में लड़की भगाने का भी एक मामला दर्ज है। पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसके परिवारीजनों के साथ रायबरेली छोड़ दिया और लखनऊ के कृष्णानगर में किराए के मकान में रहने लगे।

लूटकांड का ये है पूरा घटनाक्रम

आईजी ने घटना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विशेषखंड गोमतीनगर स्थित एसआईपीएल (सिक्योरिटांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी से सीतापुर के संदना स्थित मिर्जापुर गांव निवासी कैश वैन का गनर इंद्रमोहन, ड्राइवर दुर्विजयगंज थाना नाका निवासी रामसेवक, कस्टोडियन मलिहाबाद के महमदपुर गांव निवासी उमेश चंद्र बीते सोमवार (30जुलाई) करीब पौने चार बजे राजभवन के बाहर कानून मंत्री बृजेश पाठक के घर के पास गाड़ी खड़ी की। कस्टोडियन एक्सिस बैंक में 44 लाख रुपये जमा करने गया था। इसी बीच सफेद रंग की टीवीएस स्पोर्ट्स बाइक खड़ी करके एक बदमाश कैश वैन के पास पहुंचा। उसने ड्राइवर के बगल में बैठे गनर से पता पूछने के बहाने शीशा डाउन कराया और उसे दो गोली मार दी, जिससे गनर की मौके पर ही मौत हो गई। इसी बीच कस्टोडियन कैश वैन के पास पहुंचा। ड्राइवर चिल्लाया और 24 लाख रुपये से भरा बैग लेकर भागने लगा। बदमाश ने कैश वैन में पीछे की सीट पर रखे 6.44 लाख रुपये से भरा बैग उठाया और दौड़ाकर पहले कस्टोडियन फिर ड्राइवर को गोली मार दी। इस बीच ड्राइवर किसी तरह 24 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर बैंक में घुस गया। इस पर कस्टोडियन से बदमाश ने एक बैग छीन लिया। इसके बाद असलहा लहराते हुए बदमाश बाइक से अकेला ही भाग निकला था।

आईजी की पूछताछ में अभियुक्त ने ने बताया ये घटनाक्रम

आईजी रेंज ने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्त विनय उर्फ विनीत तिवारी ने बताया कि मेरे पिता सरोज कुमार स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। जिन्हें पेंशन मिलती है और मैं मानक नगर स्टेशन में नहरिया के पास मोमोज का ठेला लगाता हूं। घटना के बारे में पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि 30 अगस्त को लगभग 3:00 बजे के आसपास मैं एक्सिस बैंक हजरतगंज पहुंचा। वहां लूट की फिराक में था। तभी कैश वैन ड्राइवर वहां पहुंचा और उससे मेरी बात होने लगी। इसी बीच हल्की बारिश होने लगी। तब ड्राइवर ने कहा तुम्हें गाड़ी में बैठा लेता लेकिन उसमें कैश रखा है, इसलिए नहीं बैठ सकता आप कहीं और छांव ले लो। यह बात कहते हुए ड्राइवर ने सड़क के उस पार गाड़ी ले जाकर खड़ी कर ली।

आरोपी ने बताया कि इस बीच ड्राइवर पेशाब करने उतरा ही था तभी मैं आ गया। ड्राइवर के बैठने के बाद गनर साइड में अपनी बंदूक निकाल कर उसे हिदायत दे रहा था कि गनर से गोली चली। जैसा की अभियुक्त बता रहा है। इसके बाद मैंने तत्काल दो गोली गनर को मारी। तभी ड्राइवर दूसरी तरफ भाग गया और चिल्लाने लगा। इधर मैं पैसों से भरा बैग उठाकर भागने लगा। जैसे ही डिवाइडर पार पहुंचा था कि कस्टोडियन ने देख लिया और बैग पहचान कर घेरने लगा। तभी मैंने हाथ खाली कर लिए। दूसरा बैग फेंककर पिस्टल से फिर फायर किया। जिस पर कस्टोडियन पीछे हटा फिर उस तरफ जा मेरी बाइक खड़ी थी। वहां पहुंचते ही फिर फायर किया। फिर कस्टोडियन घेरने लगा इसी बीच मेरी पिस्टल गिर गई और मैंने तमंचे से फायर किया जो कस्टोडियन के पैर में लगी और सब पीछे हट गया।

अभुक्त ने बताया फिर मैं श्रीराम टावर, वार्लिंग्टन चौराहा, केकेसी, स्टेशन के पीछे से आलमबाग से होते हुए मानक नगर होते हुए अपने घर चला गया। गाड़ी कमरे में खड़ी कर दी उसका नंबर प्लेट खोलकर तमंचा 315 व कैश बैग के पीछे छिपा दिया था। आरोपी ने बताया कि मीडिया में रोजाना फोटो प्रसारित होने से मुझे लगने लगा था कि पकड़ा जाऊंगा। इसलिए मैंने शनिवार की सुबह पत्नी और बहनोई के साथ भागने की योजना बनाते हुए जीजा की मोटरसाइकिल से रेलवे स्टेशन के पास पहुंचने पर पत्नी का इंतजार किया। उसके बाद पत्नी के साथ तेलीबाग चौराहे पहुंचा और वहां से फिर वहां से बहन मंजू के गांव भोले का पुरवा पहुंचा। जहां मैं सुरक्षित हूं लेकिन यहां भी बच नहीं पाया।

बहनोई की दुकान पर जाकर भाग गया था लुटेरा

लुटेरा विनीत घर से अकेले ही निकला था और कुछ दूर स्थित बहनोई कवींद्र पांडेय की एल्युमिनियम की दुकान पहुंचा। इसके बाद कवींद्र उसे अपनी बाइक से लंगड़ा फाटक तक छोड़ने गया। वहां से खूनी लुटेरा संभवता ऑटो पकड़ कर आलमबाग बस अड्डा पहुंचा और भाग गया। कविंद्र की पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस को विनीत के घर से उसकी वोटर ID, आधार कार्ड, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मार्कशीट और प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मिले। प्रमाण पत्रों में उसकी फोटो देखकर पुलिस ने चश्मदीद को मौके पर बुलाया। फोटो देखकर ही चश्मदीद ने उसे पहचान लिया। आसपास के लोगों ने भी फोटो देख कर भी नहीं पहचान की थी।

अकेले लूट की वारदात को दिया अंजाम

आईजी ने बताया कि अभियुक्त ने अकेले ही इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया था। अभियुक्त वर्ष 2013 में वह अपने ही मित्र की हत्या कर रायबरेली से फरार चल रहा था। रायबरेली पुलिस ने आरोपी पर 2500 रुपये का इनाम घोषित किया था। उन्होंने बताया कि करीब 40 से अधिक सीसीटीवी फुटेज में अभियुक्त अकेले ही भागते नजर आया। सीसीटीवी फुटेज के रूट चार्ट के आधार पर ही पुलिस ने अभियुक्त को पकड़ने का जाल बिछाया और जनता के सहयोग से उसे धर दबोचा।

सूचना तंत्र से भी मिली बहुत मदद- एसएसपी

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि मीडिया द्वारा प्रसारित फोटो से मिलते जुलते करीब 12-15 संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना जनता द्वारा दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई। इसके बाद रास्ते को चिंहित किया गया। घटना स्थल से अभियुक्त के भागने के रास्ते का तकनीकी डाटा एकत्र कर सूचना संकलन किया गया। सर्विलांस टीम द्वारा 300 से अधिक मोबाईल नम्बरों का विश्लेषण किया गया। इसके बाद पुलिस अभियुक्त के घर कृष्णानगर पहुंची। यहां पूछताछ में लोगों ने ये संदिग्ध व्यक्ति की हरकतों के बारे में लोगों ने बताया। पुलिस ने इसी आधार पर अभियुक्त के घर शनिवार को रेड मारी थी और बाइक, चाभियाँ, पिस्टल की मैगजीन, बैग, जूते और दस्तावेज के साथ फोटो मिले थे।

चश्मदीद प्रभात कुमार के हौसले को सलाम

अनौरा कला चिनहट निवासी जिस चश्मदीद प्रभात कुमार पांडेय ने कैश वैन लुटेरे से भिड़कर उसकी पिस्टल छीन ली थी। प्रभात वारदात के बाद से लुटेरे को चिह्न्ति करने का दावा कर रहे थे, शनिवार को वह पुलिस के साथ लुटेरे के घर पहुंचे और फोटो देखते ही कहा यही है लुटेरा। तीस जुलाई को वारदात के समय पौने चार बजे के करीब प्रभात राजभवन के पास से गुजर रहे थे, तभी गोलियों की आवाज सुनकर गाड़ी सड़क किनारे खड़ी कर बाहर निकले। एक बदमाश पिस्टल लेकर भाग रहा था, प्रभात को पीछे से दौड़े और बदमाश के कोहनी मारकर नाइन एमएम की पिस्टल सड़क पर गिरा दी। बदमाश को जैसे ही दबोचने चले उसने 315 बोर का तमंचा प्रभात पर तान दिया। तमंचा देखकर प्रभात के कदम थम गए और बदमाश पिस्टल छोड़ बाइक लेकर भाग निकला। प्रभात ने पिस्टल कपड़े में लपेटकर मौके पर पहुंचे आइजी सुजीत कुमार पांडेय को दे दी और बदमाश का हुलिया भी बताया। कृणानगर स्थित भोलाखेड़ा के न्यू इन्द्रपुरी में इसी मकान में रहता था।

ये सामान पुलिस ने बरामद किया

पुलिस ने अभियुक्त के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बाइक, पिस्टल की खाली मैगजीन, जूते, सफेद रुमाल, लूट के 4 लाख 73 हजार 900 रुपये,एक तमंचा .315 और एक .315 बोर खोखा कारतूस, कैश वैन का कैश बैग, और दो फर्जी बाइक की नंबर प्लेट बरामद की हैं।

अभियुक्त का विवरण

मुख्य अभियुक्त विनीत तिवारी उर्फ विनय उर्फ बद्री तिवारी पुत्र सरोद कुमार तिवारी मूल निवासी नखदिलपुर अमरनगर कोतवाली रायबरेली। कवींद्र पांडेय पुत्र जगदीश प्रसाद पांडेय निवासी भावल थाना मल्लावां हरदोई, हालपता 254/20 न्यू इंद्रपुरी भोलाखेड़ा कृष्णानगर लखनऊ। आरोपी के खिलाफ मु.अ.सं. 454/18 धारा 302/307/394 भा.द.वि. हजरतगंज लखनऊ, मु.अ.सं. 467/18 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट हजरतगंज और मु.अ.सं. 205/13 धारा 302/504/506 भा.द.वि. कोतवाली रायबरेली में पंजीकृत है। उसके खिलाफ वर्ष 2013 में गुरबख्श गंज थाना में लड़की भगाने का भी एक मामला दर्ज है। पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसके परिवारीजनों के साथ रायबरेली छोड़ दिया और लखनऊ के में किराए के मकान में रहने लगे।

इस पुलिस टीम को मिलेगा इनाम

आरोपी को दबोचने में एंटी डकैती सेल के फरीद अहमद मय टीम, सुधीर त्यागी मय प्रभारी सर्विलांस सेल, इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद कुमार शाही, विमलेश सिंह मय स्वाट टीम क्राइम ब्रांच, इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर सरोजनीनगर रामसूरत सोनकर, इंस्पेक्टर पारा अखिलेश चंद्र पांडेय व इंस्पेक्टर गुडंबा डीके शाही, इंस्पेक्टर महानगर विकास पांडेय, अजय त्रिपाठी प्रभारी स्वाट टीम एसपीटीजी, अमरेश त्रिपाठी सर्विलांस प्रभारी रायबरेली, ऐनुद्दीन उप निरीक्षक मय क्राइम ब्रांच टीम (आईजी रेंज लखनऊ) कांस्टेबल राम निवास शुक्ला सर्विलांस सेल लखनऊ को सफलता हासिल की है।

माँ की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र को पुलिस ने बनाया आधार

आईजी रेंज सुजीत पांडेय ने बताया कि खूनी लुटेरे विनीत के घर घुसने के लिए फूल आरोपी की मां राजकुमारी की तरफ से 15 दिन पहले मिले शिकायती पत्र को आधार बनाया। 3 इंस्पेक्टर सादे कपड़ों में प्रार्थना पत्र की जांच करने के बहाने घर में घुसे। विनीत के मर चुके भाई दिलीप ने पारा में किसी शैलेंद्र दीक्षित के नाम से 5 लाख रुपये में जमीन का टुकड़ा खरीदा था। बाद में वह जमीन नजूल की है। दिलीप अपने शैलेंद्र से अपने रुपया मांगे तो वह टालमटोल करने लगा। किसी भी दिलीप की बीमारी से मौत हो गई रुपए के लिए दिलीप कुमार राजकुमारी शैलेंद्र के चक्कर लगाने शुरू कर दिए।

करीब 2 सप्ताह पहले राजकुमारी ने पारा थाना में शैलेंद्र के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस ने खूनी लुटेरे का घर में घुसने के लिए इसी प्रार्थना पत्र को आधार बनाया। इस्पेक्टर पर अखिलेश चंद्र पांडेय इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी कुमार पांडे और इंस्पेक्टर सरोजिनी नगर राम सूरत सोनकर सादे कपड़े में खूनी लुटेरे के घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। भीतर से किसी महिला ने पूछा तो इंस्पेक्टर अखिलेश पांडेय ने प्रार्थना पत्र के बारे में बताते हुए खुद को पारा थाना से आने की बात कही। इस पर पूनम ने दरवाजा खोला आंगन में पहुंचते ही लूट में इस्तेमाल सफेद रंग की स्पोर्ट बाइक खड़ी मिल गई। पुलिस ने बातचीत के बहाने विनीत के बारे में पूछ लिया पता चला कि वह सुबह से ही घर से निकला हुआ है। इस्पेक्टर ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी मौके पर पहुंच गए थे।

मोबाइल बंद होने के बाद घर पहुंची थी बहन

एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि छापेमारी के दौरान विनीत की बहन पूनम ने बताया कि वह मां से बातचीत करने के लिए भाई के मोबाइल नंबर पर कॉल करती थी। 3 दिन से भाई का मोबाइल फोन बंद आ रहा था। उसे चिंता हुई तो वह बच्चे के साथ घर आ गई। उसने बताया कि भी नहीं शनिवार सुबह लगभग 8:30 बजे घर से बिना किसी को बताए निकल गया। इसके घंटे भर बाद पत्नी सोनी भी बेटियों को लेकर चली गई। सोनी ने कहा था कि वह बेटी आराध्या के स्कूल जा रही है। शायद विनीत ने ही उसे किसी बहाने से बुलाया होगा।

टीवी का मरीज है खूनी लुटेरा

थाना प्रभारी हजरतगंज आनंद कुमार शाही ने बताया कि अभियुक्त की बहन पूनम ने ये भी बताया कि उसके भाई को टीवी की बीमारी है। उसका उपचार चल रहा है वह मानक नगर रेलवे स्टेशन पर मोमोज की दुकान करता था। पत्नी सोनी घर पर ही मोमोज बनाती थी। कुछ महीने पहले वह फिनिक्स मॉल के पास मोमोज बेचता था। उसके पिता सरवन कुमार स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड हैं। उनके विनीत के अलावा दो बेटे संतोष को दिलीप और बेटियां पूनम व जूली हैं। पूनम की शादी उन्नाव में कवींद्र पांडेय से हुई है। जबकि जूली का विवाह रायबरेली के युवक से हुआ है। संतोष मोहनलालगंज में अपनी ससुराल में ही रहता है। दिलीप की एक साल पहले डेंगू की बीमारी से मौत हो चुकी है।

घटना को अंजाम देकर 3 घंटे तक शहर की गलियों में घूमता रहा लुटेरा

राज भवन के पास सोमवार दोपहर हत्या लूट की सनसनीखेज वारदात के बाद भी खूनी लुटेरा 3 घंटे तक शहर की गलियों और सड़कों पर बाइक लेकर टहलता रहा। एंटी डकैती सेल के प्रभारी फरीद अहमद ने सीसीटीवी कैमरे देखे तो पता चला कि खूनी लुटेरा VIP इलाके से लेकर पूरे शहर की गलियां छानता रहा। शाम करीब 7:15 बजे वह अपने घर पहुंचा। सूत्रों ने बताया कि न्यू इंद्रपुरी स्थित घर से कुछ दूरी स्थित एक कांप्लेक्स में लगे कैमरे की फुटेज में वह शाम 7:02 पर नजर आया था। इससे पहले कि किसी के पास मिले होटल में से उसका रूट मिल गया। यहां से विनीत आरडीएसओ कॉलोनी के पीछे सूर्य नगर से बारा बिरवा पहुंचा। यहां से मुड़कर वह पारा के हंस खेड़ा वाले रास्ते पर गया और क्रॉसिंग पार कर गया। इस बीच लंगड़ा फाटक पर मानक नगर पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी लेकिन विनीत कच्चा देकर निकल गया।

डीजीपी कार्यालय आये एक ई-मेल से पुलिस को लगा सुराग

आईजी ने बताया कि खूनी लुटेरे का मकान शुक्रवार रात को ही चिन्हित कर लिया गया था। उसके पास असलहे होने और परिवार के साथ होने की वजह से पुलिस एहतियात बरत रही थी। सोशल मीडिया पर आरोपित विनय उर्फ विनीत की फोटो और वीडियो वायरल होने से पुलिस को काफी मदद मिली। एडीजी जोन राजीव कृष्णा के मुताबिक, डीजीपी ऑफिस में कृष्णानगर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने ई-मेल किया था। इसमें आरोपित के बारे में जानकारी दी गई थी। मेल करने वाले ने फुटेज व अखबार में फोटो देखकर हुलिया के आधार पर पुलिस को सूचना दी थी।

दो घंटे लेट लुटेरे के घर पहुंची थी पुलिस

कहने को तो राजभवन के पास हत्या व लूटकांड के खुलासे के लिए एसटीएफ और पुलिस की आठ टीमें लगाई गईं थी। लेकिन ऑपरेशन की कमान ऊपर बैठे बड़े पुलिस अधिकारियों के हाथ में थी। किस टीम को क्या करना है? कहां पहुंचना है? किसका पता लगाना है? किसको उठाना है? यह आदेश उच्च अधिकारियों से आते थे। पुलिस टीम में सिर्फ आदेशों का पालन करती थी। इस चक्कर में पुलिस टीमों ने न सिर्फ तमिल तालमेल की कमी दिखी। बल्कि लापरवाही भी उजागर हुई। शनिवार सुबह इसी लापरवाही के चलते लुटेरा पुलिस के शिकंजे से आकर फिसल गया था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हो जनता के माध्यम से अधिकारियों को खूनी लुटेरे का सुराग मिल गया था। शनिवार सुबह 7:00 बजे पुलिस की एक टीम को कृष्णा नगर के न्यू इंद्रपुरी पहुंचने के लिए ऊपर से आदेश दिया गया। टीम को यह भी बताया गया था कि खूनी लुटेरा घर पर ही है। उसके घर पर मां-पत्नी व बच्चे हैं। लूट में इस्तेमाल बाइक भी घर पर ही है। यह भी कहा गया कि खूनी लुटेरा 8:00 से 9:00 के बीच चला जाएगा। इस गंभीर सूचना के बाद भी पुलिस टीम लापरवाह बनी रही और 2 घंटे बाद यानी 9:00 बजे इंद्रपुरी पहुंची। तब तक खूनी लुटेरा घर से फरार हो गया था।

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