मदर्स डे के ख़ास दिन पर ‘ह्यूमन आई ऍम फाउंडेशन’ ने MOTHER’s DAY ‘प्रोजेक्ट आशा’ का आयोजन रॉयल कैफ़े, हजरतगंज में किया. जिसका मुख्य उद्देश्य उन माता पिता को यह ख़ास दिन समर्पित करना था जिनके बच्चे उन्हें बोझ समझ कर वृद्धाश्रम में छोड़ गये हैं.
रॉयल कैफे में हुआ आयोजन:
हम अपनी व्यस्त भरी ज़िन्दगी में अपने माता-पिता और बड़े बुजर्गो को भूल जाते है और अपनी ही ज़िन्दगी में मस्त रहते है. न हमें समय का पता होता, न ही अपनों का. इसी कड़ी में ह्यूमन आई ऍम फाउंडेशन टीम ने उन माता–पिता के साथ मदर्स डे का मना कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का एक प्रयास किया.
इस कार्यक्रम के दौरान वृद्ध लोगो ने गाने के साथ-साथ अपने ज़िन्दगी के सफ़र के बारे में भी बताया और साथ ही लखनऊ की मशहूर रॉयल कैफ़े की चाट का मजा भी लिया.
ह्यूमन आई ऍम फाउंडेशन के संस्थापक गौरव के साथ उनके माता- पिता, सत्या सिंह, हरदयाल मौर्या, श्रीधर मिश्रा, प्रतीक्षा, रीमा , गौरव अरोड़ा, खुशबू, काजल,पार्वत, शशि, गिन्नी, अनुराग महाजन और हर्षित आदि लोग कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे.
NGO के संस्थापक गौरव ने लाई बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान:
ह्यूमन आई ऍम फाउंडेशन के संस्थापक गौरव ह्यूमन ने कहा , “ऐसे कार्यक्रम करने से लोगो के बीच में उनके बड़े-बुजर्गो और माता-पिता के प्रति जागरूकता बढती है और बच्चों को हमेशा ये याद रखना चाहिये की आज वो जहाँ पर भी है उनके माता-पिता की वजह से है.
उन्होंने कहा कि उन माता-पिता को वो भूल जाते जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी अपने बच्चो को अच्छा बनाने में लगा दी और वही बच्चे बड़े होते ही उन्हें वृद्धआश्रम छोड़ आते है.
इसी के साथ बड़े-बुजर्गो के संस्कारों को ना भूलने कि नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, “कोई भी दिन हो भले वो mother’s day हो या father’s day हर पल अपने माता-पिता को खुशनसीब महसूस करवाना चाहिये.”
इस प्रोजेक्ट के आयोजन पर वृद्धआश्रम के लोगों में काफी उत्साह था. लोगों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम उन्हें अच्छा महसूस करवाते है और साथ ही आशीर्वाद भी दिया.
प्रोग्राम के दौरान 15 बुजुर्ग मौजूद रहे और सबने मिलकर mother’s day का उत्साह मनाया. लोगो के बीच उत्साह इतना था कि किसी ने “मदर इस माइन” जैसे गाने गाये तो किसी ने गिटार की धुन पर सम्हा बांध लिया. गौरव ने ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं और तारे ज़मीन पर मेरी माँ जैसे गाने गए.