भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (लखनऊ) और महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, सोलन (हिमाचल प्रदेश) के बीच शैक्षणिक और शोध में सहयोग और विस्तार के लिए मंगलवार को एमओयू साइन किया गया। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान कृषि, तकनीक और शोध के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जाना जाता है जबकि महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय वर्ष 2013 में अपनी स्थापना से अब तक के छोटे समयान्तराल में कई ऊंचाइयां प्राप्त कर चुका है।
यह है पूरा मामला
- इस समझौते के माध्यम से दोनों संस्थाओं को ढेर सारे साझा क्षेत्रों जैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि, कौशल विकास, मूल्य-परक शिक्षा में शैक्षणिक और अनुसंधान में सहयोग के साथ काम करने में सहायता प्राप्त होगी।
- इस समझौते के द्वारा दोनों संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और छात्रों को एक दूसरे के यहां काम करने और ज्ञान के आदान-प्रदान का अवसर प्राप्त होगा।
- इस समझौते को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डाॅ. ए.डी. पाठक और महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. गुप्ता द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।
- समझौते का स्वागत करते हुए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डाॅ. पाठक ने कहा श्दोनों संस्थाओं के बीच सहयोग के अनंत संभावनाएं हैं।
- गन्ना संस्थान अत्याधुनिक शोध का सम्पादन करने में अग्रणी रहा है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ सहयोग करके उत्कृष्ट अनुसंधान करता रहा है।
- महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करके उत्कृष्ट अनुसंधान की इस परंपरा का विस्तार करने में भारी मदद मिलेगी और नवाचार की नयी संभावनाओं का सृजन होगा।
- महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गुप्ता ने बताया श्विश्वविद्यालय को गन्ना शोध संस्थान के साथ गठबंधन करके अपार प्रसन्नता हुई क्योंकि इसके द्वारा विश्वविद्यालय लब्ध-प्रतिष्ठ वैज्ञानिक समुदाय से जुड़ गया है।
- इस सहयोग का उद्देश्य तकनीकी को जीवन में प्रयोगशील बनाना है।
- मौलिक और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में साथ काम करके हम वास्तविक जीवन के उपयोग हेतु तकनीक को सुलभ बना सकते हैं।
- इस मौके पर डाॅ. अभिषेक अवस्थी, विभागाध्यक्ष, जीवन विज्ञान विभाग, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालयय डाॅ. ए.के. शर्मा, प्रभारी, पी.एम.ई. प्रकोष्ठय डाॅ. एस.के. शुक्ल, परियोजना समन्वयक (गन्ना) तथा रत्नेश कुमार, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।