सांसद के आदर्श गांव में भी नहीं छूटा हाथ का लोटा
- चार साल बाद भी सांसद के आदर्श गांव शमसाबाद की तस्वीर में खास बदलाव नहीं आया।
- गांव के 30 फीसदी ग्रामीण आज भी सुबह-शाम खुले में शौच जा रहे हैं।
- जबकि पंचायत राज विभाग ने इस गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया है।
- प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सांसद विनोद सोनकर ने सिराथू ब्लॉक के शमसाबाद गांव को गोद लेकर ग्रामीणों को अच्छे दिन का सपना दिखाया था।
- मिनी मुरादाबाद के नाम से देश-प्रदेश में विख्यात रही पीतल नगरी के ग्रामीणों को उस वक्त विकास की बड़ी उम्मीदें जगी थी।
- लोगों को लगा था कि गांव में बिजली,
- पानी,
- सड़क,
- स्कूल,
- अस्पताल के सुविधाएं तो मिलेंगी ही।
- साथ ही यहां के मृत हो चुके पीतल उद्योग का पुराना वैभव भी लौटेगा।
- इसी उम्मीद में धीरे-धीरे कर सरकार के चार साल पूरे हो गए।
- पर, ऐसा कुछ नहीं हुआ।
- गांव के हालात आज भी जस के तस पड़े हैं।
- 65 सौ परिवारों वाले इस गांव में आज भी खुले में शौच की कुप्रथा खत्म नहीं हो सकी।
- सरकारी आंकड़ो में यहां 383 परिवारों के घर शौचालय बनवाकर ओडीएफ का दर्जा दिया जा चुका है।
- पर, असल में अभी भी 30 फीसदी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जो शौचालय बनाए गए है ।
- उनमें से ज्यादातर प्रयोग के लायक ही नहीं बचे है।
- ग्राम सभा में तैबापुर और डडैंचा मजरे जुड़े हैं।
- वहां पर विकास की किरण ही नहीं पहुंच सकी है।
- 50 परिवारों के यहां शौचालय बनवाने का पैसा भी आ गया। पर, अभी तक निर्माण का काम शुरु नहीं हो सका है।
- अब चुनावी साल आने वाला है ऐसे में लोगों की बची उम्मीद भी समाप्त होने के कगार पर खड़ी है।
- गांव में ज्यादातर परिवारों के यहां पहले से ही शौचालय बने थे।
- 383 शौचालय बनवाए गए है।
- 50 शौचालयों का पैसा आ चुका है।
- गर्मी की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे हैं।
- जल्द ही उनका भी निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। राजेश कसेरा, प्रधान शमसाबाद
- काफी काम कराया जा चुका है। कुछ काम अभी बाकी भी हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में शौचालयों का निर्माण भी कराया गया है।
- पर, स्वभाव बस लोग खुले में शौच जा रहे हैं। विनोद सोनकर-सांसद-कौशाम्बी
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