उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि इटावा में मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक के.आसिफ की मील का पत्थर मानी जाने वाली फिल्म मुगल-ए-आजम की थीम पर एक स्मारक, थीम पार्क और पर्यटन स्थल का निर्माण कराया जाएगा।
- मुगल-ए-आजम की थीम बनाने का जिम्मा राज्य के पर्यटन विभाग को दिया गया है।
- मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को इस सम्बन्ध में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए है।
- यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया प्रदेश सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि इस इलाके में देश-दुनिया के पर्यटकों की आमद बढ़े।
- उन्हें इटावा, प्रदेश व देश की इस महान विभूति और उनके द्वारा बनाई गई कालजयी फिल्म की जानकारी मिल सके।
- सीएम अखिलेश मुलायम सिेंह के जिले इटावा को देश दुनिया में पर्यटन के नक्शे पर चमकाना चाहते हैं।
ट्विट कर दी जानकारीः
इस बाबता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक श्री के0 आसिफ़ और उनकी अमर कृति ‘मुगल-ए-आज़म’ की थीम पर राज्य सरकार द्वारा इटावा लायन सफारी के निकट स्मारक, पर्यटक थीम पार्क/पर्यटक स्थल का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में ट्विट करके जानकारी दी गई।
https://twitter.com/CMOfficeUP/status/766664531405836288
- हिन्दी फिल्मों में मील का पत्थर माने जाने वाली मुगल-ए-आजमको बनाने वाले कमरुद्दीन आसिफ, इटावा के ही रहने वाले थे।
- उनका जन्म इटावा में 14 अप्रैल 1922 को हुआ था।
- आसिफ ने इटावा के इस्लामिया कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई की थी।
इटावा लॉयन सफारी में शेरों की मौत पर छलका सपा सुप्रीमो का दर्द
लॉयन सफारी का सपना अधूराः
- चंबल के बीहड़ों में लॉयन सफारी बनाने का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सपना पहले ही चर्चा में है।
- कई सालों की कोशिश और सैकड़ों करोड़ के खर्च के बाद भी लॉयन सफारी बनाने में सफलता नहीं मिल पाई है।
- इटावा लॉयन सफारी बनाने की कोशिश 2012 में शुरू हुई थी।
- इस प्रयास में प्रदेश सरकार अब तक करीब सौ करोड़ रुपये खर्च कर चुकी हैं।
- राज्य सरकार के बजट से 240 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया जा चुका है।
- लेकिन इसके बावजूद शेरों को इटावा की जमीन रास नहीं आ रही हैं।
- पिछले 2 सालों में, 5 शावकों को मिलाकर अब तक यहां 9 शेरों की मौत हो चुकी है।
इटावा लॉयन सफारी की आबोहवा शेरों को नहीं आ रहीं है रास, कुबेर की मौत!