उत्तर प्रदेश का प्रतिष्ठित मुगलसराय जंक्शन अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
अधिसूचना हुई जारी:
प्रसिद्ध उत्तर-पूर्व रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन मुगलसराय जंक्शन इस स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है. गृह विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को नाम बदलने की अनुमति दे दी. जिसके बाद इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस बात की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया।
साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पंडित दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा।
नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया, मुझे खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पं .दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा। pic.twitter.com/PoHDGQmu5i
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 4, 2018
स्टेशन का नाम बदलने को लेकर लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ का कहना था कि यह देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली रही है.
लिहाजा इस स्टेशन का नाम उनके ही नाम पर रखा जाना चाहिए था. कुछ लोगों ने नाम बदले जाने को लेकर ख़ुशी भी जाहिर की है.
योगी सरकार ने नाम बदलने की शुरू की थी कवायद:
गौरतलब है कि मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने की कवायद योगी सरकार बनते ही शुरू हो गई थी. योगी कैबिनेट ने ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला किया था, लेकिन इस फैसले का कड़ा विरोध भी किया गया था. कुछ लोगों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखे जाने की मांग की थी.
बता दें कि 1968 में आरएसएस-बीजेपी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का शव मुगलसराय स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया था, जिसके बाद से ही आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े अन्य संगठन दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ही मुगलसराय स्टेशन का नाम चाहते थे.