राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम थाना क्षेत्र में करीब 6 महीने पहले फिल्मी स्टाइल में की गई मुकेश मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में सोमवार को पुलिस पांच लोगों का नार्को टेस्ट कराने जा रही है। इस सनसनीखेज केस में सीजेएम लखनऊ के आदेश पर महानगर स्तिथ विधि विज्ञान प्रयोगशाला में 5 लोगों का नार्को टेस्ट होगा। नार्को, पॉलीग्राफी और ब्रेन मैपिंग के ज़रिए हत्याकांड की तफ्तीश की जायेगी। विधिविज्ञान प्रयोगशाला में डॉक्टरों के पैनल और एक्सपर्टीज के साथ दोनों पार्टी के अधिवक्ता भी मौजूद रहेंगे। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या पुलिस नार्को टेस्ट के बाद इस हत्याकांड से पर्दा उठा पायेगी।
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पहले हादसा मान रही थी पुलिस, लेकिन मारी गई थी गोली
बता दें कि 27 जुलाई 2017 को जानकीपुरम विस्तार के डिवाइडर से मुकेश मिश्रा की कार टकराई थी। मुकेश यहीं खून से लथपथ मिला था। दुकान से घर जा रहे मुकेश के बड़े भाई करूणेश ने मुकेश को देखा तो वो आनन-फानन में घायल मुकेश को लेकर ट्रामा सेंटर भागे। पुलिस शुरूआत में इस दुघर्टना मान रही थी, लेकिन ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मुकेश के शरीर में दो गोली मिलने से इसको हत्या साबित कर दिया। मामला हत्या का बना तो मुकेश के भाई ने उसकी पत्नी सारिका मिश्रा पर अपनी बुटीक के सामने हत्या कराने का आरोप लगाकर एफआईआर करा दी। इसके पीछे भाई करूणेश की अपनी वजह है। वहीं दूसरी ओर शादी के 4 साल में ही मुकेश जैसे होनहार, मेहनतकश, जीवनसाथी का साथ छूटना पत्नी को आज भी परेशान करता है, ये पत्नी सारिका के अपने आरोप है।
पांच लोगों का कराया जायेगा नार्को टेस्ट
वारदात की गुत्थी को सुलझाने में उलझी लखनऊ पुलिस अब मुकेश की पत्नी, उसके भांजे के साथ और भाई, भाभी और भतीजे का नार्को टेस्ट कराने जा रही है। इस मामले में एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि शुरुआत में मामला दुर्घटना का पता चला, उसके बाद परिजनों जिनमें मृतक के भाई और मृतक की पत्नी ने एक दूसरे पर हत्या का आरोप लगाया। इस केस में सत्यता का पता लगाने के लिए हम नार्को टेस्ट कराने जा रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि मृतक मुकेश के भाई करुणेश, पत्नी मधु और बेटे प्रशांत सहित मुकेश की पत्नी सारिका और मुकेश के भांजे सुधांशु का नार्को टेस्ट होगा। सोमवार को नार्को टेस्ट होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जानकीपुरम थानाक्षेत्र के मुकेश मिश्रा हत्याकांड लखऩऊ पुलिस के लिये सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बना हुआ है। लखनऊ पुलिस 6 महीने बाद भी इस वारदात के खुलासे की तो दूर हत्या की वजह को तक नहीं तलाश पाई है।
सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बना हुआ है मुकेश मिश्रा हत्याकांड
साल 2017 का मुकेश मिश्रा हत्याकांड सबसे बडी मर्डर मिस्ट्री बना रहा राजधानी पुलिस की नामसमझी, लापरवाही की वारदात बनकर सामने आ गई। क्राइम डिटेक्शन में कहावत है शुरुआत में पुलिस ने लापरवाही बरती तो वारदात का खुलासा पुलिस के लिय़े नामुमकिन बन जाता है। लखनऊ में दवा व्यवसायी हत्याकांड पुलिस की ऐसी ही लापरवाही का नतीजा है। 6 महीने बाद पुलिस को हत्यारोपी नहीं बल्कि साजिशकर्ता और साजिश को बेपर्दा करने लिये 5 लोगों का नार्को टेस्ट कराना पड़ रहा है। हालांकि पुलिस के लिये नार्को टेस्ट से कोई मदद मिलेगी, कहना मुश्किल है।
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