पूर्वाचंल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल की चुनावी तैयारियों को जोरदार झटका लगा है। दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। मुख्तार की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पूर्वांचल के जिलों में उनका दबदबा है, और जमानत पर रिहा होने के बाद वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
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2006 में यूपी के गाजीपुर जिले में हुई भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी लम्बे अरसे से जेल में बंद हैं।
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इस मामले में दिंवगत विधायक के करीबी, वर्तमान में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी गवाह हैं।
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सीबीआई कोर्ट के इस फैसले से जहां मुख्तार के खेमें में मायूसी हैं वहीं उनके विरोधी हाल ही में एमएलसी बने बृजेश सिंह के खेमें में खुशी का माहौल है।
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जहां एक और तो एमएलसी बने बृजेश का रसूख लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं लम्बे समय से जेल में बंद मुख्तार के रसूख और आर्थिक साम्राज्य को गहरा झटका लगा है।
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दूसरी और दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के समर्थकों ने भी खुशी जाहिर की है।
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जमानत अर्जी खारिज होने के मुख्तार के करीबी समर्थक अब हाईकोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देने की तैयारी कर रहें हैं।
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लेकिन, बताया जा रहा है कि वहां से भी उनको राहत मिलने के कोई आसार नहीं है।