प्रदेश सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना लागू करने जा रही है। सरकार ने किसान के लिए चलाए जा रहे मुख्यमंत्री दुर्घटना सहायता योजना, खेत खलियान, अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना, कृषक उपहार योजना और कृषि छात्रवृत्ति योजना को मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना के तहत लाने का फैसला किया है। इन योजनाओं के नियम कायदों को इस तरह से परिवर्तन के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं जिनसे अधिकाधिक किसान परिवारों को इनका लाभ मिल सके। मंडी समिति के इन प्रस्ताव पर सरकार ने सहमति दे दी है। औपचारिक घोषणा फरवरी में पेश किए जाने वाले बजट में होगी।
आग से फसल नष्ट होने पर 50 हजार तक का मुआवजा
आग से फसल जलने पर किसानों को पहले से अधिक मुआवजा मिल सकेगा। हालांकि इसकी गणना वास्तविक नुकसान के आधार पर होगी। नुकसान का आकलन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। 1 हेक्टेयर फसल जलने पर अधिकतम 30000 रुपये। 1-2 हेक्टेयर फसल जलने पर अधिकतम 40000 रुपये और उससे ज्यादा फसल जलने पर अधिकतम 50000 रुपये मुआवजा मिलेगा। रकबे के हिसाब से तय की गई अधिकतम राशि या वास्तविक नुकसान में से जो कम होगा उतनी राशि का भुगतान किसान को किया जाएगा। अभी तक घटना के 15 दिन के भीतर ही आवेदन करने पर योजना का लाभ मिलता था पर अब इस अवधि को बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया है।
दुर्घटना सहायता के लिए उम्र 70 वर्ष
मौजूदा व्यवस्था में 18 से 7 वर्ष तक के किसान दुर्घटना सहायता योजना का लाभ ले सकते थे अब इसे बढ़ाकर 18 से 70 वर्ष किया जा रहा है।माल बेचकर लौट रहे और नलकूप की खुदाई के वक्त हादसे के शिकार हुए किसानों को भी योजना का लाभ मिलेगा। वास्तविक सहायता वास्तविक योजना में सहायता राशि बढ़ा दी गई है। अभी दुर्घटना होने पर 30 दिन के भीतर आवेदनकर्ता होता था लेकिन अभी से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया है।
किसानों की उपहार राशि डबल
किसान उपहार योजना के तहत प्रत्येक संभाग में छमाही उपहार योजना में लकी ड्रा विजेताओं को एक ट्रैक्टर, दो पावर ट्रेलर, तीन हार्वेस्टर और दो सोलर पावर पैक दिए जाते थे। अब इनकी संख्या बढ़ाकर दोगुनी की जाएगी। इस तरह तिमाही उपहार योजना में पांच पंपिंग सेट, 10 पावर स्प्रेयर, 15 हस्त चलित पंखे दिए जाएंगे। अभी यह संख्या 1-2 और 3 थी।
छात्रवृत्ति योजना में भी बढ़ोत्तरी
छात्रवृत्ति योजना के लाभार्थियों के पक्ष में भी काफी बढ़ोतरी की गई है। अभी किसान परिवार के विद्यार्थियों को ही योजना का लाभ मिलता था। अब योजना के दायरे में औद्यानिकी और पशुपालन आदि से जुड़े परिवारों को भी लाने का फैसला किया गया है। प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय में स्नातक के 25 विद्यार्थियों और उनसे संबंध महाविद्यालय स्तर पर स्नातक के 10 विद्यार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
अभी तक यह संख्या क्रमशः 20 और 8 थी। इसी तरह प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर के 10 विद्यार्थियों और महाविद्यालय में स्नाकोत्तर के 5 विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा। कृषि विश्वविद्यालयों में होम साइंस विषय से पढ़ाई कर रहे। 6 विद्यार्थियों का भी छात्रवृत्ति के लिए चयन किया जाएगा। छात्रवृत्ति की राशि प्रतिमाह 3000 रुपये होगी। योजना के लिए विद्यार्थी का चयन मेरिट के आधार पर होगा। कृषि विश्वविद्यालयों में हॉस्टल भी बनाए जाएंगे। इसके लिए अगले बजट में 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था किए जाने का अनुमान है।