उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में 9 जनवरी का दिन बेहद ख़ास होने वाला है, जब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव आयोग में आमने-सामने होंगे। ज्ञात हो कि, चुनाव आयोग ने मुलायम और अखिलेश खेमे को 9 जनवरी तक हलफ़नाम दाखिल करने का समय दिया था।
सपा में नेतृत्व का विवाद अब प्रभुता की झगड़ा बन चुका है:
- समाजवादी पार्टी में 9 जनवरी का दिन बेहद ख़ास होने वाला है।
- जिसके चलते समाजवादी पार्टी के भविष्य का फैसला अब चुनाव आयोग में किया जायेगा।
- वहीँ सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री अखिलेश 9 जनवरी को ही चुनाव आयोग में आमने-सामने होंगे।
- ज्ञात हो कि, पार्टी में नेतृत्व के रूप में शुरू हुई लड़ाई अब प्रभुता का झगड़ा बन चुका है।
- जिसके बाद समाजवादी पार्टी अब दो धड़ों या संभवतः टूट चुकी है।
आरोप-प्रत्यारोप दोनों खेमों में जारी है:
- समाजवादी पार्टी अब दो खेमों सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में बंट चुकी है।
- जिसके बाद चुनाव आयोग के रण में ही इस बात का फैसला किया जायेगा कि, साइकिल किसकी होगी?
- वहीँ पार्टी में दो खेमे बनने के बाद से ही दोनों खेमों कि ओर से सामने वाले पर आरोप-प्रत्यारोप जारी है।
पिता ने पुत्र का अतिक्रमण हटाकर किया कब्ज़ा:
- 1 जनवरी को सपा का असंवैधानिक अधिवेशन बुलाया गया, जिसमें अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया।
- राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही अखिलेश ने अपने चाचा को प्रदेश अध्यक्ष के पद से और अमर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
- इतना ही नहीं अखिलेश समर्थकों ने सपा के कार्यालय पर कब्ज़ा कर शिवपाल या मुलायम समर्थकों को कार्यालय में घुसने पर भी रोक लगा दी।
- रविवार 8 जनवरी को दिल्ली रवाना होने से पहले सपा प्रमुख पार्टी कार्यालय पहुंचे।
- जिसके बाद उन्होंने बेटे के अतिक्रमण को हटाकर पार्टी कार्यालय पर अपना कब्ज़ा जमा दिया।
- इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को उनकी नेमप्लेट भी वापस कर दी गयी।
- दिल्ली जाने से पहले सपा प्रमुख ने कार्यालय पर अपना ताला भी लगवा दिया।
पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर कोई समझौता नहीं:
- सपा प्रमुख के तेवरों ने यह तो साफ़ कर दिया है कि, पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा।
- इतना ही नहीं मीडिया के अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे के सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा था कि, “क्या मैं बेवक़ूफ़ दिखता हूँ”।
- दूसरी ओर अखिलेश गुट से रामगोपाल यादव ने भी पार्टी पर अखिलेश के हक को बताते हुए EC से मुलाकात की थी।
- इस मुलाकात के दौरान रामगोपाल यादव ने EC को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा डॉक्यूमेंट सौंपे थे।
- इतना ही नहीं रामगोपाल ने 60 बक्सों में 4,600 व्यक्तिगत एफिडेविट भी EC को दिए।
सुलह की अब तक 7 कोशिशें:
- सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के बीच सुलह को लेकर अब तक 7 बार कोशिश की जा चुकी है।
- जिसमें से एक भी कामयाब नहीं हो पाई है।
- सुलह की कोशिश हर बार आजम खान द्वारा की गयी लेकिन सभी बेनतीजा रहीं।
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