पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा 10 जुलाई 2015 को आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को मोबाइल से दी गयी कथित धमकी के सम्बन्ध में पुलिस द्वारा लगायी गयी अंतिम रिपोर्ट को सीजेएम लखनऊ ने ख़ारिज कर दिया है।
अमिताभ ने अपने प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र में कहा था कि उनके तथा मुलायम सिंह के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर कोई मतभेद नहीं है। इस बातचीत से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे अमिताभ के कार्यों से गहरी असहमति रखते थे। उन्होंने विवेचक पर मुलायम सिंह के राजनैतिक और सामाजिक रसूख के कारण उन्हें लाभ पहुँचाने के लिए मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाने की बात कही थी।
सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने अपने आदेश में कहा कि अमिताभ अपने बयान कर कायम हैं तथा उन्होंने अपने कथन के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं। मुलायम सिंह ने भी अपने बयान में अपनी आवाज़ का होना स्वीकार किया है। ऐसे में पुलिस की अंतिम रिपोर्ट निरस्त किये जाने योग्य है। अतः सीजेएम ने अंतिम रिपोर्ट ख़ारिज करते हुए मामले को परिवाद के रूप में दर्ज कर अमिताभ को 12 फ़रवरी 2019 को अपना बयान दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
इससे पूर्व विवेचक सीओ बाज़ारखाला अनिल कुमार यादव ने पूर्व विवेचक उपनिरीक्षक कृष्णानंद तिवारी द्वारा 12 अक्टूबर 2015 को प्रेषित किये गए अंतिम रिपोर्ट का समर्थन करते हुए 09 अक्टूबर 2018 को पुलिस रिपोर्ट सीजेएम कोर्ट में प्रेषित किया था। साथ ही उन्होंने फर्जी अभियोग दर्ज कराये जाने के संबंध में अमिताभ के खिलाफ धारा 182 आईपीसी में कार्यवाही की भी संस्तुति की थी।
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