पिछले वर्ष 10 जुलाई 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को मोबाइल से दी गयी कथित धमकी के सम्बन्ध में पुलिस द्वारा लगायी गयी अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ दायर प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर आज सीजेएम लखनऊ कोर्ट में सुनवाई हुई। सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने सुनवाई के बाद आदेश 30 जनवरी 2019 को सुनाने हेतु सुरक्षित कर लिया।
प्रार्थनापत्र में अमिताभ ने कहा है कि मात्र मुलायम सिंह के राजनैतिक और सामाजिक रसूख के कारण पुलिस के उनके दवाब में घोर अन्याय किया है, जबकि विवेचना से फोन करने की बात सत्यापित हुई है। इससे पूर्व विवेचक सीओ बाज़ारखाला अनिल कुमार यादव ने पूर्व विवेचक उपनिरीक्षक कृष्णानंद तिवारी द्वारा इस मामले में 12 अक्टूबर 2015 को प्रेषित किये गए अंतिम रिपोर्ट का समर्थन करते हुए 09 अक्टूबर 2018 को पुलिस रिपोर्ट सीजेएम कोर्ट में प्रेषित किया था।
साथ ही उन्होंने फर्जी अभियोग दर्ज कराये जाने के संबंध में अमिताभ के खिलाफ धारा 182 आईपीसी में कार्यवाही की भी संस्तुति की थी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार मुलायम सिंह ने अपनी आवाज़ का नमूना देने से इंकार कर दिया, यद्यपि उन्होंने स्वीकार किया कि यह उन्ही की आवाज़ है। मुलायम सिंह ने कहा कि उन्होंने मात्र बड़े होने के नाते समझाया था, उनकी मंशा धमकी देने की नहीं थी, अमिताभ द्वारा बढ़ा-चढ़ा कर आरोप लगाया गया है।
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