अगले महीने की 17 तारीख को देश के राष्ट्रपति का चुनाव होगा.राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसे देखते हुए नए राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर रणनीतियां बननी शुरू हो गई हैं. मुलायम सिंह (mulayam singh yadav) ने NDA उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का संकेत दिया है. रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल हैं. वह 12 साल तक राज्यसभा में सांसद भी रहे हैं बीजेपी से जुड़े हुए व्यक्ति हैं और यूपी से भी उनका संबंध है क्योंकि वह कानपुर के रहने वाले हैं.
सपा में कितना प्रभाव है अब मुलायम का:
- ऐसे में यूपी में उनको लेकर क्या रुख अपनाया जा रहा है इस पर काफी चर्चा चल रही है.
- सभी की नजरें इस वक्त जमी है यूपी पर.
- जो भी तमाम राजनीतिक पार्टियां है वह किस प्रकार अपने पत्ते खोलती हैं.
- लेकिन इससे पहले ही मुलायम सिंह यादव ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था.
- कट्टर संघी उम्मीदवार नहीं रहता है मुलायम सिंह यादव एनडीए के पक्ष में अपना समर्थन दे सकते हैं.
- अब यह स्पष्ट माना जा रहा है कि रामनाथ कोविंद का मुलायम सिंह यादव समर्थन करेंगे.
- लेकिन अगर इसे समाजवादी पार्टी के तौर पर देखा जाए तो इसका कितना असर पड़ेगा.
- हाल के दिनों में देखने में मिला है कि मुलायम सिंह यादव की राय कई मामलों में अखिलेश यादव से अलग रही है.
- ऐसे में मुलायम सिंह यादव का समर्थन देना भाजपा के लिए कितना फायदेमंद होगा यह भी कहना जल्दबाजी होगी.
- वहीँ सपा के लोगों पर मुलायम के इस बयान का कितना असर होगा.
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