राजधानी के गुडंबा थाना क्षेत्र में बाराबंकी के रहने वाले विक्रम चालक की हत्या कर हत्यारों ने शव को बोरे में भरकर फेंक दिया और फरार हो गए। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के अनुसार युवक की शिनाख्त हो गई है। भाई की तहरीर के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल डॉग स्क्वॉड की मदद से मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। पुलिस इसे प्रेम प्रसंग में हत्या होने का शक मानकर भी पड़ताल कर रही है।
बोरे में शव मिलने से मची अफरा-तफरी
मिली जानकारी अनुसार, गुडंबा थाना क्षेत्र के पलका गांव के बाहर एक बोरी बंधी हुई ग्रामीणों ने देखी। शक होने पर ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक मौके पर काफी भीड़ इकठ्ठा हो चुकी थी। पुलिस ने बोरे को खुलवाया तो सनसनी फैल गई। बोरे में हाथ पैर मुड़ा हुआ एक युवक का शव था। पुलिस ने आसपास के लोगों से मृतक की पहचान कराई। मृतक की शिनाख्त जगन्नाथ (40) निवासी अनवारी गांव थाना कुर्सी बाराबंकी के रूप में हुई है।
पिछले महीने दर्ज कराई गई थी गुमशुदगी
थानाध्यक्ष गुडंबा रामसूरत सोनकर ने बताया कि मृतक मूलरूप से बाराबंकी जिला का रहने वाला है। वह गुडंबा में रहकर टेम्पो चलता था। उसकी गुमसुदगी की रिपोर्ट पिछले महीने 12 अप्रैल को दर्ज की गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने टेम्पो चालक पर शराब पीने का भी आरोप लगाया। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि प्रेम प्रसंग में उसकी हत्या की गई हो क्योंकि मृतक अविवाहित था। फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मौत की वजह पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगी। वह करीब 34 दिन से लापता था।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
भले ही गुडंबा पुलिस को देश के टॉप थ्री थानों की रैंक में शामिल होने का अवार्ड मिला हो लेकिन यहां की स्थिति काफी दयनीय है। इस थाना क्षेत्र में चोरी, लूट, हत्या की घटनाएं आम हो गईं है। इस हत्याकांड में भी मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। घटना के बाद मृतक के घर में मातम छ गया है। वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस केवल गुमशुदगी दर्ज कर बैठ गई, अगर पुलिस ने जरा सी भी सक्रियता दिखाई होती तो जगन्नाथ जिंदा होता।