पूरे देश में आज नागपंचमी का उत्सव बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती है और इन्हें देवता के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास की शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। आज नागपंचमी में राजधानी के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का ताँता पूजा के लिए लगा हुआ था।
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क्यों मनाते हैं नागपंचमी
- इस धरती पर नागों की उत्पत्ति कैसे हुई इसका वर्णन हमारे ग्रंथो में किया गया है।
- इनमें वासुकि, शेषनाग,तक्षक और कालिया जैसे नाग है।
- नागों का जन्म ऋषि कश्यप की दो पत्नियों कद्रु और विनता से हुआ था।
- हिन्दी और संस्कृत में नाग का मतलब सांप है और नागों को समर्पित इस त्योहार के दिन उनकी पूजा की जाती है।
- हिन्दू धर्म में लोग सांपों को बहुत महत्व देते हैं।पूरे देश में आज नागपंचमी मनाई जा रही है।
- हिन्दू कैलेंडर में अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
- शिव भक्तों के लिए श्रावण महीने का विशेष महत्व होता है।
- यह महीना पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है।
- इसलिए यह दिन शिव भक्तों के लिए और भी खास हो जाता है।
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध, चावल और फूल आदि समर्पित कर पूजा की जाती है।
- हिन्दुओं का यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है।
- लखनऊ के मनकामेश्वर, कोनेश्वर मंदिर और अन्य सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही पूजा के लिए भक्त पहुंचे।
- साथ ही संपेरे आज के दिन हर इलाके में नाग लेकर पहुंचते हैं।
- जहाँ घर के बहार निकलकर लोग सांप की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं।
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नागों को क्यों चढातें हैं दूध
- हिन्दू पौराणिक कथाओं में नागों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
- उन्हें पाताल लोक और नाग लोक का निवासी माना गया है।
- नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा इसलिए की जाती है ताकि वह नकारात्मक ऊर्जा से हमारे परिवार की रक्षा करें।
- इस त्योहार के साथ ऐसी ही बहुत सारी कहानियां और किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं।
- एक पौराणिक कथा के अनुसार कालिया नाम का एक सांप था।
- जिसने एक बार यमुना नदी में अपना विष (जहर) छोड़ दिया था।
- जिस वजह से ब्रजवासियों का पानी पीना मुश्किल हो गया था।
- तब भगवान श्री कृष्ण (जो भगवान विष्णु के अवतार थे) ने कालिया नाग के साथ युद्ध किया।
- और उसे हराने के बाद यमुना नदी से सारा विष वापस लेने पर मजबूर कर दिया।
- इसके बदले में भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को आशीर्वाद देते हुए कहा था।
- कि जो भी मनुष्य इस दिन (नाग पंचमी) नागों को दूध पिलाएगा और उनकी पूजा करेगा।
- वह सभी पापों और परेशानियों से मुक्त हो जाएगा।
- इस त्योहार के साथ ऐसी ही दूसरी पौराणिक कथा जुड़ी है समुद्र मंथन की।
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