उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला के बेनीगंज में संचालित सुधार गृह में मंगलवार को जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया तो चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये। यहां पंजीकृत महिलाओं के नाम पते फर्जी निकले। केंद्र पर 21 महिलाओं के नाम फर्जी दर्ज थे। वहीं, गृह पहुंचकर तहसीलदार ने सभी के बयान लिए। उधर, जिलाधिकारी के आदेश पर आयशा ग्रामोद्योग द्वारा बेनीगंज कस्बे में महिलाओं को स्वरोजगार की अधीक्षिका और संस्थापक के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं गायब नहीं थी। आसपास के गांवो की महिलाओं के नाम पता दर्ज कर रखे गए थे।
डीएम ने एक दिन पहले किया था निरीक्षण
दरअसल, नारी संरक्षण गृह देवरिया में हुई घटना ने पूरे प्रदेश भर को हिलाकर रख दिया है। प्रशासन द्वारा बाल संरक्षण गृहों को भी गंभीरता से लेते हुए जाच का आदेश दिए गए हैं। इसके चलते सोमवार को जिलाधिकारी ने बीते दिन सोमवार को बेनीगंज कस्बे में आशया ग्रामोद्योग द्वारा संचालित आवासीय स्वाधार गृह (महिलाओं को आवासीय रोजगार प्रशिक्षण) का निरीक्षण किया तो उन्हें अनियमितताएं मिलीं। स्वाधार गृह में पंजीकृत 21 महिलाओं में मात्र दो मौजूद मिलीं।
कड़ाई से पूछा गया तो पता चला कि केवल दो महिलाएं ही रुकती हैं, बाकी कागजों पर ही पंजीकृत थे। डीएम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए संस्था पर कार्रवाई के साथ अनुदान रोकने का आदेश दिया थे। नारी संरक्षण गृह देवरिया में हुई घटना के बाद से बाल संरक्षण गृहों को भी गंभीरता से लेते हुए जाच का आदेश दिया है। जिले में नारी संरक्षण गृह तो नहीं है, हा बाल संरक्षण गृह जरूर है और वह विवादों में भी घिरा रहा। इसपर किशोरों के शोषण तक के आरोप लग चुके हैं। शहर से रद्देपुरवा मार्ग स्थित संप्रेक्षणगृह में हरदोई के साथ ही सीतापुर और लखीमपुर के विभिन्न मामलों में आरोपित किशोर रखे जाते हैं। वैसे तो सख्ती है, लेकिन कई गंभीर आरोप लग चुके हैं।
एक किशोर ने तो कर्मचारी पर ही शोषण का आरोप लगाया था। तो अभी कुछ दिन पूर्व शोषण को लेकर हंगामा भी हुआ था, लेकिन उसके बाद कार्रवाई हुई। अधिकारी भी निरीक्षण करने पहुंचे, पर देखा जाए तो संप्रेक्षण गृह का विवादों से नाता रहा। डीएम की पूछताछ में अधीक्षिका बार बार गलत जानकारी देती रहीं। उसने बताया कि बाकी 19 महिलाओं में से 15 दवा लेने गई हैं और चार मंदिर गईं। लेकिन रजिस्टर में किसी प्रकार की कोई इंट्री नहीं मिली। वहीं, डीएम ने जब मौजूद दो महिलाओं से बात की तो अधीक्षिका की पोल खुल गई। इसके बाद कड़ाई से पूछताछ में अधीक्षिका ने दो महिलाओं के ही रुकने की बात स्वीकार की।