बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने पूर्व कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह सुमन और उनके पुत्र पूर्व एमएलसी वीरू सुमन को पार्टी से निषकासित कर दिया है। इन दोनो पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामि होने का आरोप है। इससे पहले बसपा ने दो सिटिंग विधायकों समेत चार नेताओं को इसी हफ्ते पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा था। पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा से निष्कासित होने वाले सिटिंग विधायकों की संख्या अब आठ हो गई है।
- आगरा से बसपा जिलाध्यक्ष प्रमोद रैना का कहना है कि नारायण सिंह सुमन और वीरू सुमन सुरक्षित सीटों पर पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहें थें।
- रैना ने बताया कि एमएलसी चुनाव में भी वीरू ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश को नहीं माना था, जिस कारण इन्हें निष्कासित किया गया।
- आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी के भाजपा में शामिल होने के बाद से चर्चा थी कि नारायण सुमन इस सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
- सपा की तरफ से राकेश धनगर को उम्मीदवार घोषित करने के बाद से इन चर्चाओं पर विराम लग गया है।
- वीरू सुमन बसपा से एमएलसी थें, लेकिन हाल में ही हुए विधानपरिषद चुनाव में वीरू ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।
- बसपा सुप्रीमों मायावती से निर्देश मिलने के बाद भी वीरू ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था, जिसके कारण सपा प्रत्याशी दिलीप यादव एमएलसी चुन लिये गए थें।
रखेंगे अपना पक्षः
- पूर्व कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह सुमन ने कहा कि वे बसपा के सच्चे सिपाही हैं, वो कभी भी किसी अन्य पार्टी से चुनाव नहीं लडेगें।
- वहीं, पूर्व एमएलसी वीरू सुमन का कहना है कि उन्हे नहीं मालूम उन्हें क्यों निष्कासित किया गया है। वे हमेशा पार्टी हित में कार्य करते रहें हैं।
- नारायण सुमन ने कहा कि वे जल्द ही बसपा सुप्रीमों से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
- 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद मायावती ने नारायण सिंह सुमन को उद्यान मंत्री बनाया था, वहीं 2012 में उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहीं से भी टिकट नहीं दिया गया।
- इसके बाद 2014 लोकसभा चुनाव में बसपा ने नारायण सुमन को अपनी आगरा सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया था।
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