केंद्र में मोदी सरकार के चार साल पूरे हो चुके है और इस अवसर पर आम आदमी पार्टी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह का यह कहना है कि यह सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह से फेल रही है। मोदी सरकार की नाकामियों का ज़िक्र करना यहाँ इसलिए भी ज़रूरी है क्यूंकि 2014 में कांग्रेस की नाकामियों को गिनाकर और कई सारे वादे कर के ही मोदी सरकार सत्ता में आई थी।
1984 के बाद 2014 का चुनाव एक ऐसा पहला मौका था, जब देश की जनता ने किसी गैर कांग्रेसी दल को स्पष्ट बहुमत दिया था। इसलिए ज़रूरी है की सरकार की नाकामियों पर एक बार नज़र दौड़ाई जाये ताकि लोगों को पता चले की इन चार सालों में मोदी सरकार किन किन मोर्चो पर विफल रही है और कई सारी उपलब्धियों के बीच भी ये नाकामियां चीख-चीख कर सरकार की पोल खोल रही है।
प्रदेश प्रवक्ता, वैभव महेश्वरी का कहना है कि अपने किये हुए वादों में से मोदी सरकार ने एक काम भी नहीं किया है। भाजपा सरकार का धारा 370, करप्शन, कालाधन आदि पर यू टर्न याद किया जाता है, नोटबंदी जैसा मूर्खतापूर्ण फैसला ला कर देश के आम आदमी की कमर तोड़ दी गयी. टैक्स रिफार्म के नाम पर GST को एक कठिन रूप में ला कर देश के व्यापारियों का रहा सहा सुकून भी छीन लिया।
मोदी सरकार के आने के बाद पेट्रोल डीज़ल सबसे महंगा हुआ है। जबकि मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले ये कहती थी कि पेट्रोल-डीजल के दाम कांग्रेस की सरकार से भी कम कर देगी। हैरान करने वाली बात ये है की इंटरनेशनल बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत कम है और भारत में तेल की कीमत आसमान छू रही है।
100 स्मार्ट सिटी की बात हुई थी, और आज एक भी स्मार्ट सिटी नहीं है। पडोसी देशों से रिश्ते ख़राब हो गए है। पिछले चार सालों में जितने भी दंगे फसाद, नफरतें, समाज को बाटने और देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिशें हुई है उसमें मोदी सरकार, भाजपा और इसके साथी संगठनों का खुला और सीधा हाथ रहा है।
इसी के साथ आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के तुषार श्रीवास्तव, वंश राज दुबे का मानना है कि प्रधान मंत्री अपने चार साल के कार्य काल में या तो विदेशी दौरों में व्यस्त रहे या फिर अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करते रहे है। उनकी सभी योजनायें जैसे की स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि सुपर फ्लॉप साबित हुई है।
यूथ विंग के प्रशांत पाण्डेय और वैष्णवी राज मिश्र का कहना है कि मोदी सरकार के कार्य काल में हज़ारों किसानों की आत्मा हत्या ने ये साबित कर दिया कि जनता की हालत और भी दयनीय हो गयी है। 2 करोड़ रोज़गार देने का वादा करके बेरोज़गारी को उल्टा चरम पर ला दिया गया है। लोकतंत्र के हर स्तम्भ को तबाह करने की कोशिश की गयी है। न्यायपालिका, मीडिया, चुनाव आयोग, RBI जैसे विश्वसनीय संस्थाओं को कमज़ोर करने की पूरी कोशिश की गयी है।
इसी के साथ पार्टी प्रवक्ता वैभव महेश्वरी का मानना है कि उनमें से सीमा विवाद एक अहम है। पड़ोसी देशों के साथ दशकों से चल रहे सीमा विवाद भी मोदी सरकार की नाकामयाबी का सबूत है। बीत 4 सालों में पाकिस्तान और चीन ने कई बार भारतीय सरजमीं पर अपना हक जताने का प्रयास किया, लेकिन मोदी सरकार इसको लेकर ठोस कदम नहीं उठा पाई, यहाँ तक कि नेपाल से भी रिश्ते खराब करने में सरकार की अहम भूमिका रही है।
साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान 2 करोड़ नौकरी पैदा करने का वादा करने वाले मोदी जी इस क्षेत्र में भी पूरी तरह फेल रहे हैं। बीते 4 सालों में देश में बेरोजगारी की दर में वृद्धि हुई है, साथ ही स्थायी नौकरियों की संख्या में भी भारी कमी आई है।
यूपीए शासनकाल से लंबित चले आ रहे भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर भी मोदी सरकार बीते 4 सालों में कोई ठोस कदम नहीं उठाई पाई है। किसान अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। वहीं, ऊंची विकास दर बनाए रखने के लिए सरकार पर उद्योगों को सस्ती और सुलभ जमीन उपलब्ध कराने का दबाव है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी और सरकार के भीतर भी सहमति नहीं है।
सांसद संजय सिंह ने कहा, गांवों के विकास के लिए 11 अक्टूबर 2014 को शुरू की गई आदर्श सांसद ग्राम योजना भी परवान नहीं चढ़ पाई है। इस योजना के तहत मोदी ने देश के सभी सांसदों से एक-एक गांव को गोद लेकर विकास करने का आह्वान किया था। पीएम के आह्वान पर सांसदों ने गांव तो गोद ले लिए, लेकिन बड़ी संख्या में इन गांवों में ग्रामीणों की मूलभूत जरूरत के अनुसार भी विकास कार्य नहीं कराए गए। कुल मिलाकर खुद ही अपनी उपलब्धियों के ढोल पीट रही, यह सरकार जनता के ऊपर एक बोझ बन कर रह गयी है।