प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी महिला विरोधी’ हैं। ये हम नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ में ऐसे कई होर्डिंग लगे हुए हैं। महिलाओं ने ज्वलंत मुद्दों को लेकर ये होर्डिंग लगवाए हैं। हालांकि इन होर्डिंगस की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर है।uttarpradesh.org के पर होर्डिंग की ये एक्सक्लूसिव तस्वीर मौजूद है।
होर्डिंग को श्री ख्यालीराम जनकल्याण मेमोरियल शिक्षा सेवा समिति की तरफ से लगाया गया है। होर्डिंग के जरिये महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की मांग की गई है। होर्डिंग पर लिखा हुआ है कि आरक्षण की मांग को लेकर शिकोहाबाद से पैदल चलकर लखनऊ तक लक्ष्मण मेला मैदान में भूख हड़ताल एवं अंतिम यात्रा के लिए यह पोस्टर लगाए गए हैं। महिलाओं से इस पोस्टर के जरिए अनुरोध किया गया है कि अपना अधिकार मांगने में मदद करें। 26 मार्च से 30 मार्च तक चलने वाले प्रदर्शन में पहुंच कर अपनी मांगों के समर्थन में अपनी बहनों के हाथों को बल देकर अपनी पहचान की मांग का समर्थन करें।
इस पोस्टर में बड़ा-बड़ा लिखा है ‘नरेंद्र मोदी महिला विरोधी’ ‘मैं हर कहीं मौजूद, मेरी अनदेखी और नहीं संभव, कौन सी नहीं तुम्हारी उपलब्धि जिसमें मेरा हक नहीं है, हर औरत को चाहिए अपना अधिकार’ जय भारत माता।’अब हम घर में चूल्हे से खतरनाक एसिड से नहीं जलेंगे, मानसिक व शारीरिक शोषण का विरोध करेंगे, जागो नारियों जागो-अब जागन की बारी है, लोकसभा से सदन सदस्य तक 50% भागीदारी है।’
गौरतलब है कि लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में बीते तीन दिनों से धरने पर बैठे विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त 2004, 2007 तथा 2008 के शिक्षकों ने योगी सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी और चुनावी घोषणा पत्र की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल रखा है। दरअसल भाजपा की अगुवाई वाली योगी सरकार ने विधानसभा चुनावों के समय अपने लोक कल्याण पत्र में बीजेपी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को नियुक्ति देने की बात कही थी।
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों का आरोप है कि सरकार बनने के एक साल बाद योगी सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किये। जिससे विशिष्ट बीटीसी शिक्षक समाज काफी दुखी है। इसीके चलते पिछले तीन दिनों से सभी शिक्षकगण लक्ष्मण मेला मैदान में योगी सरकार की दमनकारी नीतियों के ख़िलाफ़ अनिश्चित कालीन धरने में बैठ गए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा यदि सरकार ने हमारी मांगे पूरी नहीं की गईं तो हमारे सामने आत्महत्या करने और विधानसभा घेरने के सिवा कोई और दूसरा रास्ता नहीं बचेगा। इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रदेश सरकार की होगी।