लखनऊ के मोती महल लॉन में चल रहा राष्ट्रीय पुस्तक मेला कुछ अलग अंदाज़ ही बयां कर रहा है. किताबों से रोशन हो रहा मेले का तीसरा दिन.
- प्रकाशकों के स्टाल पर लग रहा है साहित्य प्रेमियों का जमावड़ा
- साथ ही सांस्कृतिक पंडालों पर आयोजित नन्हे एवं युवा कलाकारों की प्रस्तुति सबका मन मोह रही है
- हर कोई अपनी पसंद कि किताबों को खरीदने में व्यस्त दिख रहा है
- पहली बार दुर्लभ किताबों का आया संग्रह मेले में लगी होड़
- युवाओं को जापानी शब्दकोष खासा पसंद आ रहा है
- वसुंधरा डालमिया की हिन्दू परम्पराओं का राष्ट्रीकरण संग्रह का अहम् हिस्सा है
- इसके आलावा नरेन्द्र कोहली की महासागर नौ खंड भी काफी पसंद की जा रही
किताबों का सार
- देवेन्द्र स्वरुप कि यह सविंधान हमारा या अंग्रेजों का, आबिद सूरती कि कालजयी रचना, संस्कृति एक नाम
- लोगों की बात मानें तो पुस्तक मेला शायरी का समन्वय ला रहा है और पसंद भी किया जा रहा
- मशहूर शायर ग़ालिब,जिगर मुरादाबादी,साहिर,मीर तकी आदि
- पुस्तक मेला शायराना अंदाज़ में नज़र आ रहा है भले ही ये किताबें ज्यादा खरीदी ना जा रही हों
- लोग शायरी कलामे पढते और बोलते ज़रूर आ रहे
- विभिन्न वर्ग कि उपन्यासों का समन्वय भी लोगों को आकर्षित कर रहा है
- संस्कृति के चार अध्याय,चित्रलेखा, राग दरबारी, कमश, कशी का अस्सी, विश्व कि श्रेष्ट कहानिया भी हैं
- शनिवार को मेले के दूसरे दिन के.जी.एम.सी की अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. वंदना ने लोगों को परामार्श दिए
- दन्त चिकत्सक डा. पाल ने दांतों से संभदित जानकारी दी.
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