पूरे देश में नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह नवरात्रि का पर्व दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है जहाँ माता रानी के नौ रूपों का बखान किया गया। वही मां भक्त नवरात्रि के पर्व में माँ के रंग में रंग जाते है व इतना ही नहीं तरह-तरह के पंडाल सजावट मां दरबार झांकियां व माता जागरण भी किए जाते हैं। इन्हीं का मुख्य हिस्सा है माता रानी की मूर्तियां बनाना जिन्हें मूर्तिकार पूरे साल इंतजार करते हैं सिर्फ साल में दो बार इनको मूर्ति बनाने का मौका मिलता है।
ख़ुशी से बनाते हैं माँ की मूर्ति :
मूर्तिकार बहुत ही उत्सुकता से माता जी की मूर्ति भोलेनाथ की मूर्ति बनाते हैं। मूर्तिकारों की मानें तो साल में केवल दो ही चांस इनको मिल पाते हैं। वह भी नवरात्रों में नवरात्रि आने से पहले इनके पास दूर दूर से मूर्ति बनाने के लिए ऑर्डर आने लगते हैं जिसे देखते हुए करीब 2 से 3 महीने काम करते हैं और इनकी बनाई हुई मूर्तियां पूरे जनपद में विख्यात है व मां दरबार की शोभा बढ़ाती है।
कमलेश कुमार, मूर्तिकार :
यूपी के सीतापुर की बात करें तो पहले बाहर से मूर्तियां मंगवाई जाती थी या मूर्ति बनाने के लिए मां का दरबार सजाने के लिए बाहर से मूर्तिकार लाए जाते थे जो मूर्ति बनाकर तैयार करते हैं। वहीं आज हमारे सीतापुर जनपद के ही कुछ मूर्तिकार हैं जो करीब 3 महीने से बराबर लगातार मेहनत कर रहे हैं और रात दिन मेहनत करके मूर्ति तैयार कर रहे हैं। यह मूर्ति नवरात्रि में स्थापित की जाएगी जो मां के दरबार में पूरी नवरात्रि सजी रहेंगी।
राम प्रताप, मूर्ति कार :
अगर मूर्ति कारों की माने तो उन्हें जिस तरह से वह मेहनत से काम करते हैं, उस तरह से उन्हें उचित मूल्य नहीं प्राप्त हो पाता है जिससे उनके परिवार का भरण पोषण मुश्किल से हो पाता है। मूर्तिकार अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं कि शायद सरकार अगर उनकी कुछ मदद कर सके तो वह अपनी कला को और भी निखार सके व उनको मूर्ति का उचित मूल्य भी मिल सके जिससे उनको परिवार चलाने में काफी मदद मिलेगी।
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