लखनऊ. भले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा एक्सप्रेस वे के उद्घाटन से पहले लखनऊ लौटते वक्त सड़क हादसे में घायल हुए मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के ड्राइवर रामसुन्दर पांडेय का मुफ्त में इलाज करने का आदेश दिया हो। लेकिन हकीकत यह है कि सीएम के फैसले को दरकिनार करते हुए केजीएमयू के चिकित्सक रामसुन्दर के परिजनों को बाहर की दवा लिख रहे हैं। ड्राइवर की हालत अभी भी गम्भीर बनी हुयी है। उनकी हालत में कोई सुधार न होने पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें ट्रामा सेंटर के थर्ड फ्लोर क्रिटिकल केयर यूनिट से डाक्टरों ने गाधी वार्ड के आईसीयू में रेफर कर दिया है। उनकी हालत में कोई सुधार नजर नहीं हुआ है वह पहले भी बेहोश थे, अब भी बेहोश हैं। केजीएमयू के डॉक्टर एक दिन में 18 हज़ार रूपये की दवाईयां बाहर से लिख रहे हैं।
आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुआ था सड़क हादसा:
पिछले 18 नवंबर को ट्रायल के लिए इस हाईवे पर फाईटर प्लेन को उतारा गया था। कार्यक्रम से लौटते समय उन्नाव के हसनगंज इलाके में कानपुर में रहने वाले एक शख्स की कार ने सहगल के काफिले में सेंध लगाकर सामने से टक्कर मार दी। इस भीषण हादसे में परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवनीत सहगल उनके ड्राईवर सुन्दर पांडेय सहित 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सहगल का मेदांता में इलाज चल रहा है। जबकि अन्य सभी को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है जहां सभी का इलाज चल रहा है।
छोटे भाई ने कहा डॉक्टर कर रहे लापरवाही:
नवनीत सहगल के ड्राइवर रामसुन्दर पाण्डेय के छोटे भाई नन्द कुमार पाण्डेय ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि अभी फिलहाल हालत गम्भीर है। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। फिलहाल शासन और प्रशासन की ओर से रामसुन्दर को मेदांता अस्पताल ले जाने का आदेश नहीं आया है। अगर शासन की तरफ से कोई भी आदेश आता है तो हम सीधे उसे मेदांता अस्पताल लेकर जाएंगे। रामसुन्दर के सिर, छाती और पेट में गंभीर चोटें आई हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार:
किंग जार्ज चिकित्सा विवि के उपचिकित्सा अधिकारी डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ड्राइवर की जान बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। ड्राइवर के इलाज के लिए मल्टी डाक्टर्स की टीम लगाई गयी है। डॉक्टरों की टीम लगातार उन पर नजर बनाए हुए है उनकी हालत में भी पहले से काफी सुधार है।