उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद हुए निकाय चुनाव में भी सपा को मुंह की खानी पड़ी थी। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गये हैं मगर इस बीच न्यायलय ने उनके करीबी विधायक को बड़ा झटका दे दिया है।
विधायक के खिलाफ जारी हुआ NBW :
अमेठी में कोर्ट के आदेश को न मानना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी विधायको को भारी पड़ गया है। अमेठी की स्थानीय अदालत के न्यायाधीश अनिल कुमार सेठ ने सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है। सपा विधायक के अलावा 9 अन्य लोगो के खिलाफ भी वारंट जारी हुआ है। अदालत ने मामले में आरोपी सभे लोगो को 3 फरवरी को हाजिर होने की चेतावनी दी है।
साल 2008 का है मामला :
बसपा सरकार का ये मामला है जिसमें सपा विधायक के खिलाफ वारंट जारी हुआ है। उस दौरान तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख राकेश प्रताप सिंह ने अपने समर्थकों के साथ ‘घेरा डालो, डेरा डालो’ अभियान क्ले तहत बसपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। इसके अलावा सपा नेता ने राष्ट्रीय राजमार्ग को भी घंटों तक रोककर अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न कर दी थी। इस मामले में पुलिस द्वारा राकेश प्रताप सिंह, दिनेश श्रीवास्तव, उदयभानु सिंह, दीपक सिंह, पूरन सिंह, काशी सिंह और उमेश सिंह के खिलाफ कार्यवाई की गयी थी।
2011 से जमानत पर है विधायक :
इस मामले में सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह सहित कई आरोपी जमानत पर बाहर हैं। सपा सरकार में इस मामले को राजनैतिक द्वेष से प्रभावित बताते हुए केस वापस लेने को मंजूरी दी गयी थी। इसके बाद सहायक अभियोजन अधिकारी द्वारा धारा 321 के तहत केस वापस लिए जाने की मांग की गयी थी। मगर न्यायाधीश अनिल कुमार ने इसे ख़ारिज करते हुए सभी को 4 जनवरी को तलब किया था।
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