उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों को लेकर एक बार फिर से घोषणा की है, जिसमें कहा गया है कि, उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में NCERT के पाठ्यक्रम(madarsa NCERT syllabus) को पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसी क्रम में योगी सरकार में शिक्षा मंत्री और पूर्व मेयर डॉ० दिनेश शर्मा ने मीडिया से बातचीत की साथ ही सरकार की घोषणा की पूरी जानकारी सामने रखी.
मदरसों में कुरान के साथ विज्ञान:
- उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इस बाबत पूरी जानकारी दी थी.
- जिस समुदाय ने कलाम, अशफ़ाक़, हमीद दिया उसे आधुनिक शिक्षा से वंचित करना महापाप
- पवित्र कुरआन हम सब के लिए मान्य है.
- मदरसों में NCRT में हिंदी, अंग्रेज़ी, विज्ञान की किताबें अगले सत्र से.
- आधुनिक शिक्षा से रोज़गार के समान अवसर प्राप्त होंगे
- दीनियात की शिक्षा में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी.
- पिछ्ली सरकारों ने आधुकनिकता के परिपेक्ष में आने से रोका.
- सरकार चाहती है मुस्लिम के एक हाथ मे पवित्र कुरआन, एक हाथ मे कम्प्यूटर हो
- मुस्लिम को आधुनिक शिक्षा देना कोई पाप नहीं.
- पिछली सरकारों ने आधुनिक शिक्षा ना देकर पाप किया.
- दीनियात की पढ़ाई में कोई बदलाव नहीं होगा.
- मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए टीचर भी देगी सरकार.
इस निर्णय को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. एक तरफ इसे तुगलकी फरमान कहा जा रहा है तो मदरसों में पढ़ने वाले युवा उत्साहित हैं. उनका कहना है कि बदलते वक्त के साथ शिक्षा व्यवस्था में बदलाव जरुरी है. योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत राजधानी के कई मदरसों सहित यूपी के अन्य जिलों में भी मदरसों की तरफ से किया गया है. लेकिन उनके जेहन में कुछ सवाल भी हैं..
इन बातों पर सरकार को देना होगा ध्यान:
- मदरसों में NCERT की किताबें पढ़ाने वाले टीचर की कमी है.
- जबकि करीब 300 करोड़ का वेतन भुगतान भी नहीं हुआ है.
- वहीँ मदरसों में अधिकांश बच्चे बेहद गरीब परिवार से आते हैं, ऐसे में किताबों का खर्च उठाना आसान नहीं होगा?
- तो क्या सरकार बेसिक शिक्षा परिषद की तरह किताबें मुफ्त में उपलब्ध कराएगी.
- टीचर देने की बात सरकार ने की है लेकिन अभी तक पिछले कई सालों से पहले के टीचर्स की ट्रेनिंग नहीं हुई है.
- वहीँ कुछ मदरसों की तरफ से कहा गया है कि इतनी बड़ी संख्या में उर्दू में किताबें मिलने में भी दिक्कतें आ सकती हैं.
ऐसे में सरकार द्वारा अनिवार्य किये पैटर्न को लेकर कहीं उत्साह तो कहीं चिंता देखने को मिल रही है. हालाँकि एक बड़ा तबका इसे मुख्य धारा से जोड़ने वाला सकारात्मक फैसला बता रहा है.