एनडीआरएफ को नहीं मिल रहा स्थानीय प्रशासन का सहयोग, राहत कार्य में हो रही परेशानी
एनडीआरएफ के कमांडेंट ने स्थानीय प्रशासन पर सहयोग न देने का आरोप लगे है. उनका कहना है की दो घंटे बीत जाने के बाद भी हमें गैस कटर मुहैया नहीं कराया गया. सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से देरी हो रही है. अगर यही स्थिति बनी रही तो हमें रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ेगा.
एक महिला के दबे होने की है आशंका:
एक महिला के दबे होने की आशंका को लेकर यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन आज शाम तक ख़त्म होने की उम्मीद जताई जा रही है. गोविन्दपूरी के पास आकाशनगर में इस इमारत के गिरने से दो लोगों की मौत गो गई थी जबकि 3 लोग घायल है.
बिल्डर अब भी फ़रार:
बताया जा रहा है की जिस जमीन पर इमारत बनी थी वो प्रसन्नजीत गौतम नाम के शख्स की है. बिल्डर का नाम मनीष गोयल है. दोनों ही अभी पुलिस की पहुँच से दूर है पुलिस ने उनके घरवालों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है.
पुलिस ने चार टीमों का गठन,जाँच जारी:
इस पूरे मामले की जांच मेरठ के आईजी राम कुमार को सौंपी गई है. इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाज़ियाबाद के एसएसपी को दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए है. पुलिस ने दोषियों को पकड़ने के लिए चार टीमों का गठन किया है.
पुलिस ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अजीत कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया है. मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 304, 308, 337, 338, 427 और 288 के तहत किशन पाल तोमर, मुकश और दिनेश समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मामले में अबतक 6 गिरफ्तारियां हो चुकी है.
गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण का रुख:
गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के अनुसार, चूंकि इस इमारत का योजना अनुमोदन नहीं हुआ था इसलिए ये इमारत गैरकानूनी तरीके से बनायीं जा रही थी. दिसम्बर 2017 में इसके खिलाफ नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके तत्काल प्रभाव से इसका निर्माण रोक दिया गया था. पर उसके 2 ही महीने बाद दोबारा से काम शुरू करवा दिया गया. एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बताया, “12 जुलाई को जी.डी.ए. द्वारा इस इमारत को ध्वस्त करना था परन्तु तर्क व सुरक्षा कारणों से इसे विलंबित कर दिया गया.”
बता दे की इससे पहले ग्रेटर नॉएडा के शाहबेरी में दो इमारते गिर गयी थी जिसमे 9 लोगों की मौत हो गयी थी.
गाजियाबाद इमारत प्रकरण: 2 की मौत, अब तक 6 की हुई गिरफ़्तारी