शिक्षा संस्कृति की संवाहक है जिसका केंद्र बिंदु शिक्षक बने। इसके लिए शिक्षक को ही सतत प्रयास करना होगा। गुरु-शिष्य की परंपरा शिक्षा के बाजारीकरण के कारन तार-तार हो चुकी है। शिक्षक मूल्य परक शिक्षा के रोलमोडल बनें। समग्र शिक्षा का गम्भीर चिन्तन-मनन कर पाठ्यक्रम में लागू किया जाय जिससे सार्थक परिणाम प्राप्त हो। देश में सम्यक-सकारात्मक बदलाव के लिए शिक्षा में बदलाव जरुरी है। उक्त बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के चयनित कार्यकर्ताओं के सम्मलेन एवं संगोष्ठी ‘शिक्षाः समग्र व व्यापक’ विषय पर बोरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मनेजमेंट साइंसेज में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख प्रोफ़ेसर अनिरुद्ध देशपान्डे ने कही। (education: Anupama Jaiswal)
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उन्नयन के लिए पांच सूत्रों पर चर्चा
- उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा के उन्नयन के लिए पांच सूत्रों पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों के लिए निजी स्कूल चुनौती हैं और निजी स्कूलों में बाजारीकरण बढ़ रहा है।
- चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की शिक्षा कैरियर का मुद्दा हो गई है।
- वह ज्ञान व्यापी की जगह अर्थ व्यापी हो चुकी है।
- जबकि शिक्षा का मौलिक उद्देश्य मनुष्य की क्षमताओं का वर्धन करना है।
- हमें शिक्षा में परिवर्तन लाना होगा और इसे शिक्षा के अर्थशास्त्र की जगह शिक्षा को ज्ञान का शास्त्र बनाना होगा। (education: Anupama Jaiswal)
- जिससे कि नैतिक मूल्य, संस्कार और हुनर पैदा किए जा सके।
- भाषा विषय पर उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति की निर्देशक है।
- जो छात्रों में मौलिक चिंतन और खोज को विकसित करती है।
- आज हमारे देश में शिक्षा की तस्वीर उल्टी हो चुकी है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं मिलते और महाविद्यालयों में छात्रों नहीं मिलते।
- इस गंभीर प्रश्न पर संगठनों, समाज व सरकारों को व्यापक विचार विमर्श करना होगा।
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आसान तकनीक के लिए सरकार कर रही प्रयास
- मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री माननीय आशुतोष टंडन ने कहा कि तकनीक आसान और सस्ती हो इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है।
- नई तकनीक को समाज के अनुकूल बनाने प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बढे़ सरकार इस पर काम कर रही है।
- शिक्षा की गुणवत्ता व रोजगार एक दूसरे से जुडा विषय है, जब शिक्षा में गुणवत्ता होगी तो रोजगार भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगे। हम साफ सुथरी और पारदर्शी व्यवस्था बना रहे है।
- तकनीकी क्षेत्र में सरकारी संस्थाओं में शिक्षकों की भारी कमी थी जिसे पूरा करने के लिए चयन प्रक्रिया चलाई जा रही है वहीं चिकित्सा के क्षेत्र में शैक्षिक गुणवत्ता बनाने के लिए वर्चुअल क्लासरूम व्यवस्था चालू की गई।
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बेहतर सुधार के लिए आमंत्रित किये सुझाव
- विशिष्ट अतिथि बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बड़े ही सहज ढंग से जहाँ शिक्षकों को अपने दायित्व के प्रति सजग रहने के लिए आगाह किया वहीं सरकार की नीतियों व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बेहतर सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित किये।
- सरकार शिक्षा में अनसुलझे प्रश्नों को हल करके पटरी में लाने का कार्य कर रही है।
- हम एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनाना चाहते हैं वह समावेशी और नैतिक मूल्यों पर आधारित हो।
- आज प्राइवेट स्कूलों के प्रति अंग्रेजी को लेकर ही लोगों का रुझान बढ़ा रहा है इस को ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग में भी हर ब्लॉक में पांच इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने का निर्णय किया है। (education: Anupama Jaiswal)
- बेसिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार की जरूरत है।
- यह तभी संभव है जब अधिकारी व शिक्षक मिलकर इस दिशा में प्रभावी कदम उठाएंगे।
- वर्तमान शिक्षा सर्वांगीण विकास का कार्य नहीं कर पा रही आप सभी इस शिक्षा समग्र विमर्श से जो निष्कर्ष आये उसे हमें दीजिये जिसे लागू कर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की मार्ग पर सरकार बढ़ेगी।
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किस तरह की पीढ़ी की कर रहे हैं संरचना?
- अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने शिक्षक पदाधिकारियों से आह्वान कि अधिकतम प्रयास एवं अधिकतम प्रवास से शिक्षक शिक्षार्थी एवं राष्ट्रहित के कार्य संभव हैं।
- वार्षिक सदस्यता से ही कोई संगठन जीवित रहता है इससे संगठन आर्थिक रूप से , संख्यात्मक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ नये कार्यकर्ता का निर्माण होता है।
- अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने सम्मलेन की प्रस्तावन रखते हुए कहा कि परिवार में संस्कारों व मार्गदर्शन का अभाव हो चुका है।
- बच्चों में असुरक्षा और अवसाद उत्पन्न हो रहे हैं, हम किस तरह की पीढ़ी की संरचना कर रहे हैं।
- यह आज देश के आगे ज्वलंत प्रश्न है।
- राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने कहा कि शिक्षा को सर्जनात्मक बनाने की जरूरत है जिससे कि बच्चों में खोज जिज्ञासा पैदा हो।
- आज अंग्रेजी के आतंक को बच्चों के दिमाग से निकालना होगा और उन्हें संवेदनात्मक बनाने का कार्य शिक्षकों को ही करना है। (education: Anupama Jaiswal)
- संकल्पित शिक्षक समाज ही शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन ला सकता है।
- हमारा यह संगठन शिक्षकों में सेवा व कर्तव्य भाव नव जागृत करने को प्राथमिकता देता है।
- शिक्षकों की जो समस्याएं हैं हम उनके निराकरण के लिए भी प्रयास जरूर करते हैं।
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समग्र विकास का पाठ्यक्रम हो लागू
- उच्च शिक्षा संवर्ग प्रभारी महेंद्र कुमार ने कहा शिक्षा हेतु चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास का पाठ्यक्रम लागू हो।
- हमें समाज की अपेक्षाओं को पूर्ण करने हेतु समर्पण भाव से अधिक समय देकर कार्य करने की जरुरत है।
- अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा के लिए शिक्षक, अभिभावक, छात्र व सरकार चारों संगठक मिलकर जब काम करेंगे तभी व्यवस्था में परिवर्तन संभव होगा।
- महामंत्री ऋषिदेव त्रिपाठी ने आभार ज्ञापन किया।
- उद्घाटन सत्र का संचालन लखनऊ इकाई के महामंत्री अम्बरीश सिंह ने किया।
- संगोष्ठी में आज चार बौद्धिक सत्र हुए और विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अलग-अलग समूहों में विचार-मंथन किया। (education: Anupama Jaiswal)
- जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्षा डॉ. निर्मला यादव, प्राथमिक संवर्ग के अध्यक्ष गोविन्द तिवारी, डॉ. विनोद बनर्जी, सोमेश कुमार शुक्ल, संजय मेधावी, डॉ. किरण लता डंगवाल, भगवती सिंह, उषा शाक्य, दिनेश नारायण सिंह, अजीत सिंह, डॉ. सुषमा मिश्र, डॉ. संजय शर्मा, डॉ मुनेश कुमार डॉ. लवकुश मिश्रा, संतोष सिंह, दिनेश गुप्ता, स्वदेश सिंह, जया सिंह चौहान, डॉ. हरनाम सिंह , दिनेश त्रिवेदी, श्री कृष्ण त्रिवेदी डॉ सुरेश पति त्रिपाठी, शिव शंकर सिंह, आकिफ रिजवी, विश्वनाथ सिंह, जितेन्द्र कुमार यादव, कुसुम शर्मा, विम्बसार बौध सहित प्रदेश भर के चयनित शिक्षक कार्यकर्ता और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। (education: Anupama Jaiswal)
- सम्मेलन के द्वितीय सत्र में भारतीय शिक्षा का स्वरूप, तृतीय शिक्षा सत्र में शैक्षिक प्रबंधन व परिवेश व चौथे सत्र में शिक्षक के निर्वाह की चिंता विषयों पर भी चर्चा की गई।
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