राजधानी लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में स्थित सामुदायिक स्वाथ्य्य केंद्रों (पीएचसी) काहाल ऐसा है कि इसे सुनकर आप उपचार करने का नाम नहीं लेंगे।ताजा मामला पीएचसी निगोहां का है यहां पर स्टाफ नर्स की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पर्चे पर लिखी पेट की दवा के बजाए बच्चे को खुजली की दवा पीने को दे दी। घर पहुंचने पर परिजनों ने बच्चे को दवा पिलाई।
दवा पीते ही बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। बेहोशी की हालत में उसे पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। नर्स की लापरवाही पता चलने पर आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल स्टाफ ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।
पेट में तेज दर्द की थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक, निगोहां निवासी यासमीन के बेटे वकार अहमद (13) के पेट में तेज दर्द हो रहा था। वह अपने बच्चे का इलाज कराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निगोहां पहुंची। यासीन का आरोप है कि फार्मासिस्ट राजेश ने देखने के बाद पेट दर्द से राहत के लिए एंटाशिड शिरप लिखा। इसके बाद यासमीन पर्चा लेकर दवा काउंटर पर पहुंची। वहां तैनात स्टाफ नर्स सरोज ने बीबी लोशन पीने के लिए दे दिया। इसके बाद बेटे को लेकर यासमीन घर आ गई और दवा पिला दी।
दवा पीने के कुछ ही देर में बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। उल्टी शुरू हो गई। वह बेहोश हो गया। आनन-फानन में परिजन बच्चे को लेकर पास स्थित निजी अस्पताल पहुंचे। इलाज के बाद बच्चे की तबियत में सुधार हुआ। इलाज कर रहे डॉक्टर ने दवा की शीशी देखकर बताया कि यह तो खुजली की दवा है। यह शरीर के बाहरी हिस्से पर लगाई जाती है। समय पर इलाज न मिलता तो बच्चे की स्थिति और बिगड़ सकती थी। यह सुनते ही परिजनों के होश उड़ गए।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में सीएमओ प्रवक्ता डॉ. सुनित सक्सेना ने कहा कि पीएचसी निगोहां पर स्टाफ नर्स की लापरवाही बच्चे पर पड़ी भारी मामला संज्ञान में आया है। जांच की जा रही है, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएचसी अधीक्षक कैलाश बाबू ने कहा कि मेरी जानकारी में मामला नहीं है। कोई शिकायत आती है तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी।