एक कहावत है कि ‘जाको राखे साईंया मार सके न कोय’ ऐसा ही एक नजारा कानपुर में देखने को मिला। यहां एक कलयुगी मां अपने मासूम बच्चे को झोले में रखकर एक पेड़ से लटका कर भाग गई। बच्चा पूरी रात ठण्ड से ठिठुरता रहा। जब शुक्रवार सुबह स्थानीय लोगों को झोले से बच्चे के रोने की आवाज आई तो लोगों ने वहां जाकर देखा तो उसने एक मासूम बच्चा ठण्ड से ठिठुर रहा था। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को कांशीराम अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से बच्चे को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है। इस बच्चे को जहां अपनों ने ठुकरा दिया वहीं गैरों ने बच्चे को गोद लेने के लिए हाथ बढ़ाया है।
यह है पूरा मामला
- जानकारी के मुताबिक, कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के हरजेन्द्र नगर इलाके में गुरुवार रात एक कलयुगी मां अपने मासूम बच्चे को झोले में रखकर पेड़ से लटकाकर भाग गई।
- बच्चा पूरी रात झोले में भीषण ठण्ड से ठिठुरता रहा और जिन्दगी मौत के बीच संघर्ष करता रहा।
- सुबह जब स्थानीय लोगों की नजर झोले में पड़ी तो उन्होंने ने इसकी सूचना चकेरी पुलिस को दी।
- चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर विनय ओझा ने बताया कि हरजेन्दर नगर में यह बच्चा झोले में टंगा पाया गया था।
- इस बच्चे को काशीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. रेनू जोजफ ने बच्चे को स्वस्थ्य बताया है।
- इसके बाद पुलिस ने इस बच्चे को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया है और चाइल्ड ने इसकी सूचना बाल कल्याण न्यायपीठ को दे दी है।
- इस बच्चे को हम सुभास चिल्ड्रेन में रखेंगे जिसकी संजुला पाण्डेय देख रेख करेंगी।
10 घंटे के बच्चे ने झेली भीषण ठंड
- चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि इस बच्चे को पैदा हुए मात्र 10 घंटे ही हुए थे।
- लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि बीते गुरुवार रात भीषण ठंड थी यह बच्चा कैसे ठण्ड से संघर्ष करता रहा।
- जिसने भी ऐसा कृत्य किया है वह बहुत निंदनीय है।
- यदि इस बच्चे के माता-पिता की जानकारी होती है तो उसके विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी।
- चाइल्ड लाइन की संजुला पाण्डेय के मुताबिक इस बच्चे को गोद लेने वाले चाइल्ड लाइन से संपर्क कर चुके हैं।
- लेकिन अभी इस पर विचार नहीं किया गया है। हम बच्चे को अपने देख रेख में पालन पोषण कर रहे हैं।
- उन्होंने ने बताया कि इस बच्चे के माता-पिता ने तो इसका नाम करण नहीं किया लेकिन चाइल्ड लाइन ने इस बच्चे का नाम शुभ रखा है।
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