पूरी दुनिया में आमों के लिए प्रसिद्ध मलिहाबाद फलपट्टी क्षेत्र में समय से पहले आम के बगीचों में बौर को देखकर बागवानों के चेहरे खिल उठे कि इस वर्ष आम की फसल अगैती होगी। लेकिन यह खुशी की लकीरें उनके चेहरे से उस समय गायब हों गई जब वैज्ञानिकों ने कहा कि इसमें फल नहीं निकलेंगे की संभावना बहुत कम है। (Mango Blossom)
वैज्ञानिकों की सलाह पर उड़े होश
- मलिहाबाद फल पट्टी क्षेत्र में इस बार समय से पहले ही आम के बगीचों में बड़ी मात्रा में 25-30 प्रतिशत पौधों में बौर अभी से आ गया है। (Mango Blossom)
- वैज्ञानिकों ने इस बौर की तोड़ाई कर देने के लिए बागवानों को सलाह दी है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम आये दिन परिवर्तित हो रहा है।
- अब तक पर्याप्त ठंडक न पड़ने के कारण मौसम में गर्मी बनी हुई है।
- पिछले वर्ष मलिहाबाद मैंगों क्षेत्र में फसल भी बहुत कम आयी थी।
- जिस कारण कुछ पेड़ों में कभी-कभी समय से पहले बौर आ जाता है।
- इस वर्ष क्षेत्र के काकोरी, मलिहाबाद और माल में में देखा जा रहा है कि काफी मात्रा में अभी से पेड़ों में बौर आ गया है।
- यदि ठण्ठक सही से होने लगी तो यह बौर निकलना फिलहाल रुक जाएगा।
- जो बौर बड़ा हो गया है उसके खराब होने के चांस ज्यादा हैं, लेकिन समय पर उस कल्ले में भी बौर आ सकता है।
बौर को बचाने का प्रयास कर रहे बागवान (Mango Blossom)
- सरोसा गांव निवासी बागवान चन्द्र प्रकाश रावत, हरिपाल यादव, दुर्गागंज निवासी बागवान और पूर्व ब्लाक प्रमुख रूप नरायण यादव, इमलिहा के अनरूद्व सिंह चौहान, मलिहाबाद के बागवान एव आढ़ती सालिकराम यादव, रामगोपाल यादव, बुधड़िया निवासी सुरेश चंद्र यादव, चौधरी खेड़ा के लालता प्रसाद यादव, काकोरी के नजमी खां, मलिहाबाद के एहसन अजीज खां, मिथलेश यादव, बचान सिंह सहित आदि बागवानों ने बताया कि अब तक आम की पिछली फसल समाप्त होने के बाद बागों की दो से तीन बार धुलाई कराई जा चुकी है।
- पेड़ों में इस बार अभी से बड़ी मात्रा में बौर आने लगा है।
- जो समय से लगभग 25 से 30 दिन एडवांस है।
- इससे लगता है कि इस बार आम की फसल कुछ दिन एडवांस हो सकती है।
- कुछ लोग इस बौर को बचाने का प्रयास भी कर रहे हैं।
- लेकिन समय को देखते हुये इस बौर को बचा पाना बहुत ही मुश्किल होगा।
ठंड ना पड़ने से निकल आया बौर
- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा के निदेशक डॉ. एस. राजन ने बताया कि आम के पेड़ों में बौर निकलने का समय 15 से 20 जनवरी के बाद अच्छा माना जाता है।
- इस समय कुछ आम के पेड़ों में बौर निकल आया है।
- अभी निकले बौर में फल आने की संभावना ना के बराबर है।
- ठंठक, कोहरा और पाला अभी तक न पड़ने की वजह से निकल आया है।
- क्योंकि मौसम में दिन के समय काफी गर्मी बनी हुई है।
- ठण्ठक पड़ने पर यही बौर सिकुड़ जाता है। (Mango Blossom)
- जिससे वह धीरे-धीरे काला पड़ने लगता है और फफूंदी नामक रोग से प्रभावित हो जाता है।
- जिस कारण बौर खराब हो जाता है और उसमें फल देने की क्षमता खत्म हो जाती है।
15 जनवरी से 20 फरवरी तक आना चाहिए बौर
- पेड़ों में बौर आने का समय 15 जनवरी से 20 फरवरी तक सबसे अनुकूल माना जाता है।
- उन्होंने बताया कि सबसे बेहतर विकल्प यही है कि बागवान अभी पेड़ों में आये बौर की तोड़ाई कर दें।
- क्योंकि इस बौर में फल नही आने हैं।
- तोड़ाई करने के बाद पेड़ के इन कल्लों में पुनः बौर आने की संभावना बढ़ जाती है।
- किसानों और बागवानों को सलाह देते हुए बताया कि वह बिना किसी विशेषज्ञ से मशविरा किये बिना कीटनाशक दवाओं का छिड़काव न करें।
- फिर हल जो बागवान अपने बागों में छिड़काव करना चाहते है वह सल्फर, इमेडा क्लोरोफिट और क्यूनालफ़ांस का छिड़काव पौधों की मात्रा के अनुसार कर सकते हैं।
- जिससे पेड़ों में निकलने वाले बौर को हानिकारक कीटों से बचाया जा सकता है। (Mango Blossom)
- साथ ही पेड़ों में बन रही बौर की कूचों को गलमिज कीटों से फसल का नुकसान होने से भी बचाया जा सकता है।
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