आईपीएस अधिकारियों को एक और झटका लगा है। नए शासनादेश में डीएम को और अधिकार दिए गए हैं।राजस्व विभाग ने एक ताजा नया आदेश निकाला है। इसके तहत जघन्य अपराध में कार्रवाई की समीक्षा डीएम करेंगे। बड़े बदमाशों पर कार्रवाई की समीक्षा भी डीएम करेंगे। एसपी साहब जी सर कहेंगे। साल में 60 दिवस डीएम क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। अपराध समीक्षा के सीधे अधिकार अब डीएम को होंगे। प्रमुख सचिव राजस्व रजनीश दुबे ने ये आदेश जारी किया है।यूपी के सभी कमिश्नर, डीएम को आदेश गया दिया गया है। IPS के सुस्त होते ही IAS ने एक और झटका दिया है। दो दिन में ठंडी पड़ी कमिश्नर प्रणाली की मांग कमिश्नरी मांग रहे थे। यहां सभी कप्तानों की कप्तानी चली गई। इस आदेश के बाद आईपीएस अधिकारियों का गुस्सा और बढ़ता दिखाई दे रहा है। (डीएम को मिले अन्य अधिकार)
भड़का था आईपीएस एसोसिएशन (डीएम को मिले अन्य अधिकार)
डीएम द्वारा क्राइम मीटिंग प्रकरण मामला में डीजीपी ऑफिस ने आदेश पर एतराज जताया था। मुख्य सचिव के आदेश पर डीजीपी सहित आईपीएस एसोसिएशन ने भी विरोध किया था। एसोशिएशन का मानना है कि इस आदेश से एसपी की हैसियत कम होगी। आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने अपने बयान में कहा था कि इस आदेश से कानून-व्यवस्था बेहतर होगी। लेकिन नए आदेश से युवा आईपीएस अधिकारी हतोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि इस आदेश से संगठन को आपत्ति है। (डीएम को मिले अन्य अधिकार)
शासन को लेना था निर्णय
बता दें कि मुख्य सचिव के आईपीएस अधिकारियों के काम में कटौती के इस फरमान (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की जगह हर महीने की 7 तारीख को जिलाधिकारी (DM) क्राइम मीटिंग लेंगे) के बाद दोनों संगठन आमने-सामने आ गए थे। आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने अपने बयान में कहा था कि मुख्य सचिव के द्वारा जारी सर्कुलर को मैंने पढ़ा और देखा है। ये सर्कुलर क्राइम मीटिंग से संबंधित ना होकर लॉ एंड आर्डर से संबंधित है।
कानून-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक की भी होती है। अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक का एक्सक्लूसिव डोमेन है। उन्होंने बताया कि ये सर्कुलर सितंबर महीने का है। डीजीपी ने इस मामले में अपना मत पिछले महीने नवंबर में ही भेज दिया था। अब शासन को निर्णय लेना है कि इस व्यवस्था का अंतिम रूप क्या होगा। मुख्य सचिव के आदेश के बाद जिलों में असमंजस है। यूपी के IPS एसोसिएशन में भी सन्नाटा छाया हुआ है। आईपीएस एसोसिएशन कुछ भी बोलने का साहस नहीं जुटा पा रहा। वहीं व्हाट्सएप पर संदेशों के जरिए आईपीएस अधिकारी इंसाफ की गुहार लगाने में जुट गए हैं। (डीएम को मिले अन्य अधिकार)