सरकार कोई भी हो लेकिन घोटाले तो अपनी रफ़्तार से होते ही रहते हैं. सरकार चाहे भ्रष्टाचार मिटने की जितने भी दावे कर ले या कितनी भी कोशिश कर ले, ये वो दीमक है तो देश को अब खोखला कर चुका है और अब ये इतनी जल्दी तो दूर होने वाला नहीं है. इसके लिए पूरे सिस्टम को ही पारदर्शी करना होगा. जो एक झटके में तो नहीं हो सकता. वाराणसी-लखनऊ में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है. यह सुल्तानपुर के एनएच-56 हाईवे का मामला है.
एनएच-56 में हुए 200 करोड़ के घोटाले का मामला:
वाराणसी- लखनऊ खंड में बाईपास बनाने में हुआ है बड़ा घोटाला. अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिल कर की थी 200 करोड़ की ठगी. एनएचएआई ने 8 गांव के किसानों पर केस दायर किया है. ये सब एनएचएआई के परियोजना प्रबंधकों की मिलीभगत है.
तमाम कोशिशों के बाद भी जब मामला नहीं दबा तो किसानों को रिकवरी नोटिस भेजे गये.
जमीन के रेट निर्धारण में किया गया था यह घोटाला. अब घोटाले की रकम गरीब किसानों से वसूली जाएगी. सुल्तानपुर के एनएच-56 हाईवे का मामला. यह गरीब किसानों के साथ बहुत बड़ी ज्यादती है. मामले की जांच अभी तक चल ही रही थी.
जिलाधिकारी ने की घोटाले की सीबीआई जांच की मांग:
एन एच 56 में हुए 200 करोड़ रुपये से अधिक घोटाले की जिलाधिकारी विवेक कुमार ने सी बी आई जांच करवाने के लिए शासन से की मांग.
बताते चले कि किसानों की जमीन के मुआवजे की मिलने वाली रकम में विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया गया था खेल, जिसकी अभी तक जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा ही कि जा रही थी जांच. जांच अधिकारियों की कार्यशैली पर भी अब सवाल उठ रहा है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने सीबीआई से जांच करवाने का मन बनाया है. जल्द किसानों के पैसे खाने वाले कर्मचारी होंगे सलाखों के पीछे.
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