वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने डीजल-पेट्रोल-एलपीजी के मूल्य वृद्धि पर कही यह बात…..

देश में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में लगातार वृद्धि होती जा रही है, जिससे देश की जनता के ऊपर लगातार महंगाई का बोझ बढ़त ही जा रहा है। देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल और डीजल का मूल्य प्रति लीटर सौ रुपए के करीब पहुंच चुका है। कुछ राज्यों में तो इनकी कीमत सौ रुपए के पार भी चली गई है।

 

ज्ञात हो कि देश में ज्यादातर रोजमर्रा के माल की ढुलाई का काम सड़क मार्ग के माध्यम से ही होता है और इस कारण डीजल-पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि से आम जनता के रोजमर्रा के चीजों के मूल्य में वृद्धि होती है। पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में लगातार हो रही वृद्धि पर आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने खुलकर अपना पक्ष रखा।

 

वर्तमान मूल्य वृद्धि के लिए विगत UPA सरकार पर दोष लगाते हुए  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपए के तेल बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी। मैं पिछली यूपीए सरकार द्वारा खेली गई चालबाजी से नहीं जा सकती। ऑयल बॉन्ड की वजह से हमारी सरकार पर बोझ आया है, इसलिए हम पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे।”

 

आगे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ शब्दों में कहा कि फिलहाल ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कोई कटौती नहीं की जाएगी। यूपीए सरकार द्वारा जारी तेल बांडों के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान से राजकोष पर बोझ है। सरकार ने पिछले 5 वर्षों में तेल बांड पर ही ब्याज में 70,195.72 करोड़ से अधिक का भुगतान किया है। हमें अभी भी 2026 तक 37,000 करोड़ रुपए का ब्याज देना होगा। ब्याज भुगतान के बावजूद, 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक का मूलधन अभी भी लंबित है। तेल बांड का बोझ न होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होता।”

 

निर्मला सीतारमन ने अपनी हताशा दिखाते हुए कहा, “लोगों का चिंतित होना सही है। जब तक केंद्र और राज्य कोई रास्ता नहीं निकालते, इसका कोई समाधान संभव नहीं है।”

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