वैसे तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसी न किसी कार्य को लेकर हर समय विपक्ष के निशाने पर बनी रहती है. चाहे वो पार्टी का कार्य हो या जनता की भलाई का कार्य. लेकिन फिर भी न जाने अवैध कार्य करने वाले लोगो के हौसले इतने बुलंद क्यों और कैसे हैं.
प्रभारी मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई:
उत्तर प्रदेश में मंत्रीमण्डल की शपथ लेने के बाद पहली बार झाँसी आए प्रभारी मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने झाँसी शहर के सारे प्राइवेट अस्पताल और पहूज नदी के तट पर बनी कॉलोनी के जाँच के आदेश जिला प्रशासन को दिए थे.
बाबजूद इसके अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही हुई।
अस्पताल संचालक बेख़ौफ़ होकर नगर निगम की सड़क पर अपना जनरेटर भी रखकर कब्जा किए हुए है और सड़क को पार्किंग बनाए हुए है जिससे राहगीरों को आने जाने में कभी कभी जाम जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.
बारिश में गिरी पहूज नदी स्थित कॉलोनी की दीवार:
बीते दिनों हुई झाँसी में मुश्लाधार बारिश के चलते पहूज नही के तट पर बनी एक पाश कॉलोनी की दीवार ढह गई जिसके चलते वहाँ रहने वाले लोगो के चहरो पर भी चिंता की लकीरें दिखाई देने लगीं।
जे डी ए ने भी नहीं की कोई कार्यवाही:
झाँसी डवलपमेंट अथॉरटी ने भी प्रभारी मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह के आदेश को नहीं माना. आदेश के बाबजूद भी अभी तक न तो किसी स्थनीय प्राइवेट अस्पतालों और कॉलोनियों पर कोई कार्यवाही की और न ही कोई ठोस कदम अवैध कब्जों के खिलाफ उठाया गया.
सात सितम्बर को आ रहे प्रभारी मंत्री:
अब जब आगामी 7 सितम्बर को फिर प्रभारी मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को झाँसी आना है. इन सब मे देखना यह होगा कि इस बार प्रभारी मंत्री कोई अवैध अस्पतालों और कॉलोनियों पर ठोस कार्यवाही करेंगे या हर बार की भांति इस बार भी सब देखकर अनजान बनकर चले जाएंगे।
अस्पतालो के जांच के आदेश, फिर भी नहीं हुई कोई ठोस कार्यवाही:
मंत्री मण्डल की शपथ लेने के बाद पहली बार झाँसी आए प्रभारी मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने झाँसी के समस्त अस्पतालों को बिना अनुमति अस्पताल के बेसमेंट में चल रही ओपीडी और आईसीयू के संचालन करने पर कार्यवाही के आदेश दिए गए थे.
सीएमओ झाँसी ने नहीं माना आदेश:
लेकिन सीएमओ झाँसी द्वारा प्रभारी मंत्री मोती सिंह के आदेशों को भी ताक पर रखकर आज भी लगभग 90% अस्पताल को बदस्तूर संचालित करवाया जा रहा है. जबकि बिल्डिंग में बना बेसमेंट केवल पार्किंग के लिए होता है. आखिर किसके दिशा निर्देशों में मरीजो की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
बड़ी बात तो यह है कई अस्पताल झाँसी एसपी सिटी और झाँसी एसएसपी आवास से चंद कदमों की दूरी पर भी बने हुए है लेकिन फिर भी इस अस्पतालो पर कभी कोई कार्यवाही नही होती आखिर क्यों?
रिपोर्ट: मदन यादव/अभिषेक तिवारी
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