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कारगिल दिवस: परमवीर चक्र विजेता के गाँव में नहीं है अस्पताल और बुनियादी सुविधाएँ

जहाँ एक ओर आज कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को याद किया जा रहा है, उनको पुरस्कृत किया जा रहा है, वहीँ दूसरी ओर कुछ जांबाज़ ऐसे भी हैं जिनके जीते जी भी उनके गाँव तक को सरकार भूल गयी  है. 

कारगिल में दुश्मनों से लोहा लेने वाले का गाँव अब भी अभाव में:

कारगिल के हीरो रहे बुलंदशहर जिले के परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव  के गांव में  आज भी सुविधाओं का अभाव है बना हुआ है. गांव के लोगों को फक्र भी है अपने इस जांबाज पर. कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेने वाले  योगेंद्र यादव ने  तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर क्षेत्र में एक अस्पताल की मांग रखी थी.
तत्कालीन प्रदेश  सरकार ने इसे गम्भीरता से लेते हुए अस्पताल का प्रस्ताव मंजूर कर लिया था और  क्षेत्र में एक 100 बेड के हॉस्पिटल की घोषणा भी की थी.
लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद ये सिर्फ घोषणा ही रह गयी और न जाने कब ये अस्पताल ठंडे बस्ते में गया.

न बना अस्पताल और न ही यहां मिल पायीं बुनियादी सुविधाएं:

देश में नाम रोशन करने वाले योगेंद्र यादव के गांव के लोगो का कहना है कि सरकार ने यहाँ भी राजनीति की जिससे क्षेत्र में एक हॉस्पिटल बनते बनते रह गया ।

 ग्रामीणों का कहना है की उनके गांव के लाल ने दुनिया में इस गांव को पहचान दिलाई है. उसके लिए उन्हें उनपर नाज है, लेकिन जो व्यवस्थाऐं यहां होनी चाहिये थी वो नहीं है तो दुख होता है.
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गाँव को अस्पताल की ज़रूरत:

योगेंद्र यादव की माँ का कहना है कि यहां अगर अस्पताल बन जाता तो सभी के लिए अच्छा होता. मगर यहां तो सरकार बदलने के बाद कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. वो कहती हैं कि उनकी मानना है कि गांव क्षेत्र में अस्पताल जरूरी है और इसके लिए उनके बेटे ने कोशिश की थी.

जिले के  सीएमओ का बयान:

इस बारे में जिले के  सीएमओ  का कहना है कि  शासन के स्तर से ही इसमें देर है. बाकी ये बात सच है कि अस्पताल की मंजूरी मिल चुकी है और इस बारे में उन्हें जो भी आदेश सरकार से मिलेगा उस पर वो गौर करेंगे.

अच्छी सोच पर भी लगा है ग्रहण:

मुख्यमंत्री से मिलकर अस्पताल की मांग करने के पीछे की जो मंशा थी वो ये थी कि उनके क्षेत्र के करीब 50 गांव के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर न  जाना पड़े. एक अच्छी सोच पर स्वीकृति के बाद भी ग्रहण लगा हुआ है. जिस वजह से यहां हॉस्पिटल फिलहाल तो दूर की कौड़ी नजर आ रहा है.
ज़रूरत है सरकार चेते और इस आमजन  से जुड़ी इस जरूरत पर ध्यान दे. यही तोहफा होगा इस वीर जवान के लिए कारगिल दिवस पर.

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