केंद्र और राज्य में सभी सरकारों द्वारा यह दावा किया जाता है कि, उनके कार्यकाल में उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में उद्योगों की हकीकत इससे काफी जुदा है।
रोजगार के लिए निभाते हैं महत्वपूर्ण भूमिका:
- उत्तर प्रदेश हर सरकार के दावे के बावजूद आज तक उद्योगों की भारी कमी से जूझ रहा है।
- किसी भी राज्य में रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर उद्योगों से ही आते हैं।
- लेकिन सूबे में बंद होते उद्योगों से रोजगार के अवसर कहाँ से आयेंगे।
- पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का हाल भी सूबे के अन्य जिलों जैसा ही है।
- काशी के औद्योगिक क्षेत्र रामनगर की स्थिति भी बहुत ख़राब है।
रामनगर भी हुआ सरकारी तंत्र का शिकार:
- यूपी का औद्योगिक क्षेत्र रामनगर भी सरकारी तंत्र की लापरवाही का शिकार हो गया है।
- इस औद्योगिक क्षेत्र से रामनगर और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को रोजगार मिलता था।
- लेकिन बदलती सरकारों के साथ औद्योगिक नीतियां बदली और ये क्षेत्र बरबाद होने लगा।
- गौरतलब है कि, रामनगर क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक कारखाने बंद हो चुके हैं।
- जो बचे हैं वो दूसरे राज्यों में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
इन उद्योगों पर लगे ताले:
- रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में अब तक दो दर्जन उद्योग बंद हो चुके हैं।
- जिनमें फ्लोर मिल, प्लास्टिक यूनिट प्रमुख हैं।
- उद्योग बंद होने का प्रमुख कारण कच्चा माल सस्ता न होना और लागत का अधिक होना है।
दूसरे राज्यों में तलाश रहे हैं संभावनाएं:
- वहीँ रामनगर में जिनके उद्योग बच गए हैं वो दूसरे राज्यों जैसे एमपी, बिहार आदि में नयी संभावनाएं तलाश रहे हैं।
- कई सारी समस्याओं के चलते सूबे के उद्योग अन्य राज्यों के उद्योगों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं।
- जिसके लिए वो लोग दूसरे राज्यों में जा रहे हैं।