आचार संहिता के उल्लंघन का अधिकार किसी को नहीं है: डीएम राजशेखर
- आचार संहिता बनी मजाक
- पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रशासन सख्ती से इसका पालन करने में जुट गया.
- लेकिन बस्ती में इसका कुछ खास असर देखने को नही मिला.
- नियमतः प्रशासन को सभी राजनीतिक होर्डिंग, बैनर, झंडे हटवा देने चाहिए.
- वहीं जनपद में अभी भी खुलेआम इनका उपयोग होते देखा जा सकता है, खासकर सत्ताधारी दल का.
- अब सवाल ये है कि आखिर जिला प्रशासन सत्ताधारी दल के नेताओं पर नकेल क्यों नही कस पा रहा है.
- बीजेपी का झंडा लगी गाड़ियां खुलेआम शहर में घूम रही हैं, उन्हे चुनाव आयोग का कोई खौफ नही है.
- और तो और अधिसूचना जारी होने के दो दिन बाद भी सरकारी योजनाओं की होर्डिंग नहीं हटाई गयी.
- अभी भी सरकारी योजनाओं का प्रचार करने के लिये लगी होर्डिंग आदर्श आचार संहिता को मुह चिढ़ा रही है.
- दरअसल सौभाग्य योजना के प्रचार बोर्ड लगभग हर गांव के बाहर दिख जाएगी, जिसे अभी तक हटाया नही गया है.
- अब जब जनपद मुख्यालय का ये हाल है तो ग्रामीण इलाकों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
- वहीं इस बात पर जिलाधिकारी डॉ राजशेखर ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का अधिकार किसी को नही है.
- हम धीरे धीरे सरकारी स्थलों पर लगे सभी राजनीतिक होर्डिंग बैनर हटाये जा रहे हैं.
- किसी के साथ कोई रियायत नही बरती जाएगी.
- डीएम ने बताया कि अगर कोई अपने निजी वाहन पर झंडा लगाया है तो वह चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा.
- उन्होंने बताया कि चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा होते ही प्रचार सामग्री को आनन फानन में हटवा दिया गया था, लेकिन अगर कही लगा भी है तो उसको तत्काल हटाया जाएगा.