उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, अधिकारी अपने मन और सुविधानुसार विभागों के नियम-कानून में बदलाव कर रहे हैं। ये लम्बे समय से चल रहा मामला आवास विकास में अधिकारियों की मनमानी का है. जिसमें अधिकारी अपने हिसाब से सर्किल रेट आदि तय कर रहे हैं. लाख कोशिशों के बाद भी बायर्स को फ्लैट नहीं मिल रहा है. बिना आवंटियों को बताये ही फ्लैट के रेट बदल दिए गए हैं.

2 लाख बायर्स नोएडा में अब भी रो रहे हैं

बिल्डर्स ने अभी तक 2 लाख वायर्स को बिल्डर्स ने फ्लैट नहीं दिया. तमाम वादों के बावजूद फ्लैट डिलिवर नहीं हुए हैं. नोएडा,ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की मनमानी जारी है. बिल्डरों की धोखाधड़ी पर कोई एक्शन नहीं हो रहा है.  सरकार ने वादा किया था, फ्लैट नहीं मिले हैं.  370 बिल्डरों ने मिलकर नोएडा लूट लिया था. 2 लाख फ्लैट में 60 फीसदी ग्रेटर नोएडा में हैं. आम्रपाली और जेपी बिल्डर के शिकार ज्यादा हुए हैं. बायर्स बेहाल हैं जबकि बिल्डर्स है. सरकार के तीन मंत्रियों की कमेटी भी फेल हो चुकी है.

ब्रह्मपुत्र एन्क्लेव के बायर्स भी परेशान

कमिश्नर के आदेश पर आवंटियों की आवास विकास अधिकारियों के साथ 4 जुलाई की मीटिंग में अधिकारियों ने 2 महीने में फ्लैट देने का वादा किया था. इसकी रिपोर्ट भी कमिश्नर को भेज दी गयी थी. लेकिन डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक अंतिम कीमत पर कमिश्नर स्तर पर कोई कार्यवाई नही हैं. आनेवाले दिनों में अगर कोई निर्णय नही होता तो आवंटी प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे. आवंटी जल्दी ही कमिश्नर से मिलने लखनऊ भी जायेगें. ताकि 2 हजार आवंटियों को कोई आर्थिक सहायता मिले. लगातार सरकार से अपील करने के बाद भी आवंटियों को फ्लैट नहीं मिल पा रहा है. सरकार की कोशिशें बिल्डर्स के इरादों को डिगा नहीं पा रही है और वो लगातार आवंटियों को ठगने का काम कर रहे हैं.

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