सरकार ने महिला सशक्तिकरण को लेकर बड़े-बड़े दावे भी किए। लेकिन आज भी उनकी सुरक्षा और निजता बड़ा सवाल बनी हुई है. महिलाओं के लिए सरकार ने हर सुविधा मुहैया कराने की कोशिश की है लेकिन जमीनी स्तर पर महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ती है. आज भी महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर है.
मार्केट में नहीं है शी टॉयलेट्स:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले से जुड़ा एक मामला सामने आया है. जहां मार्केट में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं हैं. सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों की तरह ही महिलाओं को भी शौचलय की जरूरत होती है.
पुरुष तो खुले में कही भी दीवारों, गली, नुक्कड़ या चौराहों पर शौच के लिए चले जाते हैं. लेकिन महिलाएं करें तो क्या करें. ऐसी स्थिति में महिलाओं के सामने समान शौचालयों (कामन टॉयलेट्स) को इस्तेमाल करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.
सार्वजनिक जगहों पर (शी टॉयलेट) महिला शौचालयों का न होना कभी-कभी महिलाओं के लिए बड़ी मुसीबत बन जाता है। लेकिन समाज और सरकार दोनों की ही असंवेदनशीलता के चलते इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा.
शौचालय के लिए उन्हें गलियों में जाना पड़ता है:
बाजार मे खरीददारी करने मार्केट आई तमाम महिलाओं और लड़कियों को मार्केट में शी टॉयलेट न होने के चलते परेशानी होती है. मार्केट में दुकान लगाने वाली एक महिला का साफ कहना था कि यहां शी टॉयलेट ने होने के चलते बहुत सारी दिक्कतें होती हैं.
शौचालय के लिए उन्हें गलियों में जाना पड़ता है. कभी-कभी तो भीड़ ज्यादा होने के चलते उन्हें घंटों परेशान होना पड़ता है. खरीददारी करने आई एक लड़की ने बताया कि जब हम लोग बाजार आते हैं तो अक्सर यहां से काफी दूर कॉमन टॉयलेट में हमें जाना पड़ता है.
क्योंकि बाजार या आसपास कहीं भी महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट नहीं है. जिसके चलते हमें अक्सर इस तरह की परेशानी की सामना करना पड़ता है.
नगर पालिका की चेयरमैन से बात करुँगी: सांसद प्रियंका रावत
बाराबंकी की सांसद प्रियंका रावत ने महिलाओं की इस परेशानी के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है. उनका कहना है कि वे इस मामले को देखेंगी.
महिलाओं के लिए शौचालय बनवाने के लिए नगर पालिका या सांसद निधि का इस्तेमाल करके जल्द से जल्द इस काम को पूरा कराया जाएगा.
वे इस मामले में नगर पालिका की चेयरमैन से बात करेंगी और अपनी तरफ से भी एक प्रस्ताव बनाकर पेश करेंगी. प्रियंका रावत ने कहा कि महिलाओं की इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाएगा.
उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द महिलाओं के लिए शौचालय बन सके जिससे उन्हें शर्मिंदगी न झेलनी पड़े.