महिला दिवस पर एक नवविवाहिता ने समाज को ऐसा सन्देश दिया है कि चारों तरफ उसकी तारीफें हो रही है। अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा ने भी अपनी छाप छोड़ी थी। लेकिन कानपुर की सुनीता अक्षय कुमार से कम नहीं निकली। जब सुनीता विदाई के बाद ससुराल पहुंची तो उसे पता चला कि ससुराल में शौचालय नहीं है।
ससुराल वालों ने उससे बाहर टॉयलेट जाने को कहा तो उसने साफ मना कर दिया कि मैं बाहर नही जाउंगी। सुनीता अपनी जिद पर अड़ी रही और चार दिनों तक टॉयलेट के लिए नही गई। जिससे विवाहिता के पेट में संक्रमण फैल गया और वह बीमार पड़ गई। ससुराल पक्ष ने विवाहिता के पिता को फोन किया कि अपनी बेटी को ले जाओ ,अब बहु तब घर आएगी जब घर में अपना शौचालय होगा। सुनीता का मायके में इलाज चल रहा है।
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18 फरवरी को हुई थी शादी
कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र के बक्तौरी पुरवा में रहने वाले हीराचन्द्र शर्मा कारपेंटर है। परिवार में पत्नी जमुना देवी तीन बेटे राजू अशोक, वीरेंदर व सबसे छोटी बेटी सुनीता के साथ रहते है। सुनीता की शादी बीते 18 फरवरी 2018 को कन्नौज के खुर्दाही गाँव में रहने वाले दिनेश शर्मा के बेटे सुमित शर्मा से हुई थी। सुमित वेल्डर का काम करता है और उसके पिता किसानी करते है। सुनीता की विदाई बीते 19 फरवरी को हुई थी। सबसे खास बात यह कि सुनीता मात्र मैट्रिक्स पास है, लेकिन उसकी सोच ही उसके ससुराल में शौचालय बनाने पर मजबूर कर दिया।
शादी के बाद पता चला कि ससुराल में नहीं है टॉयलेट
सुनीता ने बताया कि 18 फरवरी को मेरी शादी थी, जब मैं विदाई के बाद ससुराल पहुंची तो मुझे पता चला कि यहाँ पर शौचालय नहीं है। यह सुनकर मैं बहुत हैरान हो गई। जब ट्वायलेट जाने की बारी आई तो मेरी सास व ननद ने मुझसे बाहर टॉयलेट चलने के लिए कहा तो मैंने उन्हें जवाब दिया कि मैं बाहर टॉयलेट के लिए नहीं जाउंगी। मेरे मायके में शौचालय बना हुआ और मै कभी बाहर नहीं गई हूँ। बाहर जाने में मुझे शर्म आती है, कुछ भी हो जाए मैं बाहर नहीं जाउंगी।
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चार दिन नहीं गई टॉयलेट, तबीयत हुई खराब
सुनीता ने बताया कि ससुराल पक्ष के लोग मुझ पर बाहर टॉयलेट जाने का दबाव बनाते रहे, लेकिन मैं बाहर टॉयलेट के लिए नहीं गई। इस तरह से मुझे चार दिन हो गए और इन चार दिनों में मैनें कुछ भी नहीं खाया। ट्वायलेट नहीं जाने की वजह से मेरी तबियत बिगड़ गई और यह बात पूरे गाँव में फैल गई।
ससुरालियों ने दी मायके को सूचना
इसके बाद मेरे ससुर ने मेरे पापा को फोन कर बताया कि मेरे घर में शौचालय नहीं है और आप की बेटी बाहर टॉयलेट जाने को तैयार नहीं है। आप आकर उसे मायके ले जाओ और सुनीता की तबियत भी बिगड़ गई है। अब मैं अपनी बहु को तब बुलाऊंगा, जब घर में शौचालय बन जायेगा। इसके बाद मेरे पापा अगले दिन आये और मुझे ले गए। अब मेरा यहाँ पर इलाज चल रहा है।
गांव में नहीं है किसी के घर में शौचालय, मोदी से की अपील
सुनीता ने बताया कि जिस गाँव में मेरी ससुराल है वहाॅं पर किसी भी घर में शौचालय नहीं है। पूरा गाँव टॉयलेट के लिए बाहर जाता है। सुनीता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि हमारे गाँव को ओडीएफ मुक्त करो। इसके साथ ही सुनीता ने सभी को सन्देश दिया है, जो भी माँ बाप अपनी बेटियों की शादी करने के लिए जाते है वह पहले यह देख ले की बेटी की ससुराल में टॉयलेट बना है या नहीं। जब ससुराल पक्ष के लोग दहेज ले सकते है तो क्या वह टॉयलेट नहीं बनवा सकते हैं।
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शौचालय बनने के बाद ही भेजूंगा बेटी को ससुराल
वहीं सुनीता के पिता हीरा चन्द्र ने कहा कि अब मैं अपनी बेटी को ससुराल तभी भेजूंगा जब शौचालय बन जायेगा। ससुराल में शौचालय नहीं होने की वजह से वह चार दिनों तक टॉयलेट नहीं गई, जिसकी वजह से उसके पेट ने संक्रमण फैल गया। उसका मैं इलाज करा रहा हूँ। जब मैं बेटी के लिए रिश्ता लेकर गया था तब मैंने यह बात ध्यान नहीं दिया था कि लड़के वालों के घर पर शौचालय है या नहीं।