यूपी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था. सरकार का सख्त निर्देश था कि मानकों के आधार पर ही स्लॉटर हाउस को NOC दी जाये. लेकिन इसको लेकर भी गड़बड़ी सामने आयी है. ऐसी खबरें हैं कि बिना मानकों के ही स्लॉटर हाउस (Slaughter House) को NOC दे दिया गया.
NOC जारी करने में घोटाला आया सामने.
- सरकार बनते ही योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की थी.
- दिए जा रहे अनापत्ति प्रमाण पत्रों पर योगी सरकार अब जाकर सख्त हुई है.
- सबसे ज्यादा गड़बड़ियां बूचड़खानों को NOC देने में हुई हैं.
- जिम्मेदार अफसरों की बनती है.
- लिहाजा कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
- स्लॉटर हाउस को 1 साल के लिए NOC देना नियम विरुद्ध माना जाता है.
- स्लॉटर हाउस को सीधे एक साल के लिए नहीं दे सकते NOC
- प्रदूषण के लिहाज से उद्योगों को 4 श्रेणी में बांटा गया है.
- मानकों की अनदेखी करने के कारण योगी सरकार अब कार्रवाई करने के मुड में है.
बूचड़खानों को लेकर नियम:
जानवरों को काटने और मीट बेचने को लेकर नियमों की जानकारी यूपी सरकार ने मीट दुकानदारों को भेजी है. इन नियमों के अनुसार ही बूचड़खाने या मीट की दुकान चलनी चाहिए.
- मीट की दुकानें सब्जी की दुकानों के पास न हों.
- मीट की दुकानें धार्मिक स्थलों की परिधि से 50 मीटर की दूरी पर हो.
- इसके अलावा धार्मिक स्थलों के मुख्य द्वार से कम से कम 100 मीटर दूर हों.
- शाकाहारी खानपान के नजदीक न हो दुकानें.
- जानवरों या पक्षियों को दुकान के अंदर नहीं काटा जा सकता है.
- जानवरों की कटने के बाद और पहले जाँच हो.
- मीट की दुकानों पर काम करने वालों को सरकारी डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा.
- मीट की क्वॉलिटी पशु डॉक्टर द्वारा प्रमाणित कराई जाए.
- बीमार या प्रेगनेंट जानवरों को न काटें.
- एक घंटे में कम से कम 12 और दिन में 96 पशुओं की एंटी मार्टम जाँच हो.
- लाइसेंस के लिए जमीन निजी हो या 99 साल की लीज पर हो.
- बूचड़खानों से निकला खून सीधे नालियों में न जाये और उसके लिए ड्रेनेज सिस्टम हो.
- अवशेष निस्तारण का इंतजाम हो.
- हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करानी होगी.
नियमों को न मानने पर NOC न देने का प्रावधान:
- जानवरों को काटने वाले हथियार स्टील निर्मित हों.
- कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था हो.
- बूचड़खानों से खरीदे जाने वाले मीट का पूरा हिसाब रखा जाए.
- ग्रामीण इलाकों में मीट दुकानदारों को ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए से लेनी होगी एनओसी.
- शहरी इलाकों में सर्किल ऑफिसर और नगर निगम से अनुमति के बाद चलेगी दुकान फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से भी लेनी होगी अनुमति.
- मीट को इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाड़ियों में ही ढोया जाना चाहिए.
- मीट को जिस फ्रिज में रखा जाए और दरवाजे पारदर्शी हों.
- इन मीट की दुकानों पर गीजर होना अनिवार्य है.
- दुकानों के बाहर पर्दे या गहरे रंग के ग्लास की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
- किसी भी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.