उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में 17 जुलाई की रात एक चार मंजिला और एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से नोएडा प्राधिकरण सवालों के घेरे में आ गया था. वहीं अब प्राधिकरण ने बड़ा फैसला लेते हुए 74 बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया हैं. बता दें कि इन बिल्डरों को पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है. जिसके बाद अब उनपर मामला दर्ज करवाया गया है.
17 जुलाई को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में एक चार मंजिला और एक 6 मंजिला निर्माणाधीन इमारतें गिरने के बाद मामला बेहद संगीन हो गया था. पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ ने किसी तरह मलबे में दबे लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकाला लेकिन इस हादसे में 9 लोगन की मौत हो गयी थी.
जिसके बाद न केवल बिल्डर बल्कि नोएडा प्राधिकरण भी कटघरे के घेरे में आ गये थे, उस समय पुलिस ने बिल्डिंग बनाने वाले दोनों बिल्डरों को हिरासत में ले लिया था. वहीं इसी कड़ी में अब नोएडा में बड़ी संख्या में हो रहे अवैध और मानकों को टाक पर रख कर हो रहे निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए प्राधिकरण ने 74 बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
बड़ी संख्या में हो रहा अवैध निर्माण
बता दें कि शाहबेरी की जमीन का अधिग्रहण ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किया था। इसके विरोध में ग्रामीण कोर्ट पहुंच गए थे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शाहबेरी का जमीन अधिग्रहण रद्द कर दिया गया था। इसके चलते बिल्डरों को अपने प्रॉजेक्ट शिफ्ट करने पड़े।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हो रहा है। यहां किसानों से जमीन लेकर कई-कई मंजिला इमारतें बना दी गईं हैं।
फ्लैट बनाकर लोगों को बेचा जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि यह जमीन ग्रेनो के सेक्टर 4 में है। साथ ही फ्रॉड के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। किसानों ने अभी तक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का मुआवजा भी वापस नहीं किया है।
पहले भी भेजी जा चुकी नोटिस:
प्राधिकरण ने जिन 74 बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, उनको पहले भी नोटिस भेजी जा चुकी है लेकिन मानकों को ताक पर रख निर्माण कार्य करवाने के कई मामलों को देखते हुए इन बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया हैं.
प्राधिकरण ने बदमाश बिल्डरों की एक सूची जारी की है उसी के आधार पर उनपर केस दर्ज करवाया गया है. 9 लोगों की मौत के बाद प्राधिकरण ने ये फैसला लेते हुए 3 मामलों में मुकदमा दर्ज करवाया है. इनमें बिल्डरों पर बिल्डिंग बॉयलॉज उल्लंघन पर मुकदमा दर्ज हुआ है.