नोएडा टेंडर घोटाला मामले में यादव सिंह की पत्नी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. आज सीबीआई कोर्ट ने नोएडा का टेंडर घोटाला मामले में चीफ इंजीनियर यादव सिंह समेत 10 लोगों पर आरोप तय किये. घोटाले को लेकर सीबीआई कोर्ट में दायर हुई थी चार्जशीट. अब निजी कंपनियों के डायरेक्टर्स पर केस चलेगा.
नौ साथियों के साथ यादव सिंह काट रहे है सजा
आपको बता दें कि बीते दिनों नोएडा में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में घिरे धनकुबेर यादव सिंह को लखनऊ कोर्ट में पेशी पर लाया गया था. नौ साथी भी बहुचर्चित टेंडर घोटाले में डासना जेल में सजा काट रहे हैं. यूपी के कई जिलों में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी दिल्ली और कानपुर में उनके रिश्तेदारों के यहां भी की गई.
19.92 करोड़ की सम्पत्ति को आय़कर निभाग ने किया था जब्त
नोएडा अथॉरिटी और यमुना एक्सप्रेस-वे के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को जब पेशी पर लाया गया तो उनके समर्थक भी उनके साथ थे. सीबीआई ने यादव सिंह के नोएडा में सेक्टर-51 के एक फ्लैट एवं आगरा के तीन फ्लैटों को सीज पर दिया. वहीं बीते 16 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण के रसूखदार इंजीनियर रहे यादव सिंह की बनायी 19.92 करोड़ की सम्पत्ति को आयकर विभाग की टीम ने जब्त किया था. भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार यादव सिंह को आज सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया. यादव सिंह पर आरोप है कि उसने नोएडा प्राधिकरण में चीफ इंजीनियर रहते हुए करोड़ों के वारे-न्यारे किये.
करोड़ों की कमाई का है आरोप
यादव सिंह ने कई सौ करोड़ रुपये घूस लेकर ठेकेदारों को टेंडर बांटे. यही नहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी में इंजीनियर रहते हुए यादव सिंह की सभी तरह के टेंडर और पैसों के आवंटन में बड़ी भूमिका होती थी. इस तरह यादव सिंह ने अकूत धन कमाया. सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है.